इंदौर। कोविड-19 महामारी के चलते चार माह से बसों का संचालन बंद है। प्रदेश सरकार ने पिछले माह ही बस संचालन की अनुमति दे दी थी, लेकिन बस संचालक अपने नुकसान की भरपाई के बिना संचालन पर सहमत नहीं है। बार बार प्रशासन और राज्य सरकार से गुहार लगाने के बाद अब वे सड़क पर उतरने की तैयारी में है। जल्दी बस संचालक चक्का जाम की तारीख तय करने जा रहे हैं।
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इंदौर की 1200 और प्रदेश भर की 35 हज़ार बसें मार्च से बंद है। 8 जून को राज्य सरकार ने 50 फ़ीसदी सीट रिक्त रख संचालन की अनुमति दी थी। लेकिन संचालकों ने मांग रखी थी कि मार्च से अक्टूबर तक का टैक्स माफ किया जाए। साथ ही सीट कैपेसिटी के आधार पर यात्रियों को बिठाने की अनुमति दी जाए।
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इन्ही दो मांगों को लेकर संचालक और राज्य सरकार अपने फैसले पर अड़े हैं। इसका सीधा नुकसान शहर के हज़ारों यात्रियों को हो रहा है। मध्यप्रदेश प्राइम रूट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा का कहना है कि परिवहन विभाग को मंत्री मिल गया है। पहले मंत्री से मिलेंगे अगर बात नहीं बनी तो पूरे प्रदेश में एक साथ चक्का जाम करेंगे। ताकि सरकार की नींद खुले जा सके।
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पूरे प्रदेश में बस संचालकों के साथ जुड़े ड्राइवर क्लीनर व अन्य कर्मचारियों की नौकरी पर संकट बना हुआ है इसके पहले भी हम अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं लेकिन अब तक सरकार ने हमारी बातें नहीं मानी है उसको लेकर अब आगे एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
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