बजट सत्र…संग्राम जारी है…! नौंवा दिन किसके पक्ष में गया और आगे क्या होने वाला है?

बजट सत्र...संग्राम जारी है...! नौंवा दिन किसके पक्ष में गया और आगे क्या होने वाला है?

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  • Publish Date - March 4, 2021 / 05:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज नौंवा दिन था। हंगामों और नारों से सत्र का आगाज हुआ, विपक्ष ने एक के बाद एक मुद्दों को उठाकर सरकार की घेराबंदी की। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट भी किया। सदन में गृह मंत्री के विभागों के अनुदान पर चर्चा हुई। विपक्ष ने चर्चा के दौरान बढ़ते अपराध के लिए नशे के बढ़ते कारोबार को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही शराबबंदी को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इन तमाम घटनाओं और फैसलों के बीच बजट सत्र का नौंवा दिन किसके पक्ष में गया और आगे क्या होने वाला है?

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन खाद खरीदी, कस्टम मिलिंग, टोकन मिलने के बाद भी किसानों का धान नहीं खरीदने का मामला गूंजा। BJP विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में धान की कस्टम मिलिंग का मुद्दा उठाया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जानकारी दी कि टोकन लेने वाले सभी किसान अपना धान बेच चुके हैं। मंत्री के जवाब पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति जताई, विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि जिन किसानों ने टोकन लिया और धान नहीं बेचा उनसे धान लेंगे क्या? वहीं BJP विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने 1 क्विंटल चावल के पीछे कितना प्रासंगिक व्यय होता है और उसका भुगतान हो चुका है क्या? दोनों ही मुद्दे पर मंत्री का जवाब नहीं आने पर असंतुष्ट BJP विधायकों ने वॉकआउट किया।

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सदन में मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों की अनुदान मांग पर भी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान स्पीकर ने शिवरतन शर्मा को लंबा भाषण पर टोका, तो बीजेपी सदस्य नाराज होकर सदन से बाहर निकलते हुए कहा कि बगैर चर्चा बजट पारित कर दिया जाए। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओडिशा में पकड़े गए जाली नोट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये जाली नोट नया रायपुर में छपता था, उन्होंने हत्या, रेप, लूटपाट, चोरी की वारदातों को लेकर सरकार को घेरा। शिवरतन शर्मा ने छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ने की वजह नशे के बढ़ते कारोबार को जिम्मेदार ठहराया। 2018 में जब सरकार बनी तब ये कहा गया था कि सरकार बनते ही शराबबंदी की जाएगी, लेकिन शराबबंदी तो दूर अब शराब की ऑनलाइन डिलीवरी की जा रही है।

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कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जिस तरह से अब तक घटा है, उससे इस बात के पूरे आसार है कि सत्र में आगे भी शोर-शराबा मचता रहेगा और विपक्ष आक्रामक अंदाज में सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।

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