Budget 2021: कैसा रहा दशक का पहला बजट...क्या आत्मनिर्भर होगा भारत? | Budget 2021: How was the first budget of the decade ... Will India be self-reliant?

Budget 2021: कैसा रहा दशक का पहला बजट…क्या आत्मनिर्भर होगा भारत?

Budget 2021: कैसा रहा दशक का पहला बजट...क्या आत्मनिर्भर होगा भारत?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : February 1, 2021/5:51 pm IST

रायपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2021 का आम बजट संसद में पेश किया। ये पहला मौका रहा जब बजट दस्तावेज नहीं छपे और वित्त मंत्री ने पेपरलैस बजट पेश किया। कोरोना संकट से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर मोदी सरकार ने इस बार बजट में हेल्थ सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस किया। कोरोना वैक्सीन के लिए भी अलग फंड रखा गया है। सेहत के अलावा सड़क, रेल और मेट्रो सहित इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ी राशि का प्रावधान है। नए बजट में इनकम टैक्स स्लैब में भले कोई बदलाव नहीं हुआ हो लेकिन 75 साल के ऊपर के बुजुर्गों को रिटर्न नहीं भरना पड़ेगा। वहीं किसान, गरीबों को भी सहारा देने की कोशिश नजर आज रही है। पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत जिन चार राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां वित्त मंत्री ने दिल खोलकर सौगातें दी हैं। तो कैसा रहा दशक का पहला बजट? जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरा?

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुश्किल वक्त में जनता को राहत देने के लिए आम बजट पेश किया। दशक का पहला बजट 6 स्तंभों पर आधारित रहा। इसमें पहला स्तंभ है- स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा स्तंभ है – भौतिक, वित्तीय पूंजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, तीसरा स्तंभ है- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चौथा स्तंभ – मानव पूंजी में नवजीवन का संचार, पांचवां – रिसर्च और डेवलपमेंट और छठवां स्तंभ है – न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन।

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कोरोना वायरस के मद्देनजर इस बार आम आदमी के सेहत का खास ख्याल रखा है मोदी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने इस बार वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया। सरकार की ओर से इसके लिए 64180 करोड़ दिए गए। मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का ऐलान किया। इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को 137 फीसदी तक बढ़ाया गया है। हालांकि इस बार के बजट में टैक्स भरने वाले करदाताओं को कुछ खास नहीं मिला। वित्त मंत्री की ओर से आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया. जिससे करदाताओं के हाथ जरूर मायूसी लगी है, लेकिन सड़क, रेलवे, मेट्रो और दूसरे आवागमन प्रोजेक्टस के लिए मोदी सरकार ने दिल खोलकर सौगात दी है। वित्त मंत्री ने रेलवे को जहां 1.10 लाख करोड़ का बजट दिया, चेन्नई, बंगलुरू,नागपुर और नासिक मेट्रो का विस्तार के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है। जबकि सरकारी बसे सेवा पर 10 हजार करोड़ खर्च करेगी केंद्र सरकार।

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वित मंत्री की घोषणाओं में बंगाल समेत कई चुनावी राज्यों में होने वाली विधानसभा चुनाव की झलक भी दिखी। तमिलनाडु में 1.3 लाख करोड़ की लागत से नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट, केरल में 65 हजार करोड़ रुपए की लागत से नेशनल हाइवे की सौगात वित्त मंत्री ने दी तो मुंबई-कन्याकुमारी इकॉनोमिक कॉरिडोर और कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का ऐलान भी प्रमुख है। इस बार देश में डिजिटल जनगणना होगी, इसके अलावा स्पेस मिशन और लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान भी बजट में किया गया है। प्रदूषण कंट्रोल के लिए वित्त मंत्री ने 5 साल में 2 हजार करोड़ का प्रावधान किया है।

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वहीं किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि इस बार राजकोषिय घाटा 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान है। इसके लिए सरकार को 80 हजार करोड़ की जरूरत होगी, जो अगले दो महीनों में बाजार से लिया जाएगा। कुल मिलाकर वित्त मंत्री के 2021-22 वाले डिजिटल बजट में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है, लेकिन पेट्रोल पर ढाई और डीजल पर 4 रुपए का कृषि सेस लगने से आम लोगों को झटका जरूर लगेगा।

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