Budget 2019 Highlights: जानिए किनके लिए रहा खास और किसे करना किया मोदी सरकार ने निराश

Budget 2019 Highlights: जानिए किनके लिए रहा खास और किसे करना किया मोदी सरकार ने निराश

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  • Publish Date - July 5, 2019 / 03:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

रायपुरः मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट पेश किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट निम्न और मध्य आय वर्ग पर केंद्रीत है। उनके लिए खास तौर पर योजनाएं लाई गईं हैं, जबकि उच्च आय वर्ग को अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी होगी। इस बजट में ग्रामीण क्षेत्रों पर खास तौर से फोकस किया गया है।

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अब सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला बजट देश में रोटी, कपड़ा और मकान के लिए संघर्ष को दूर करेगा? आइए देखते हैं क्या कुछ रहा मोदी सरकार के बजट में…

देश की पहली फुल फ्लैश महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन वित्त मंत्रालय की सीढ़ियों से लेकर संसद की सीढ़ियों तक कैमरों से घिरी रहीं। इस बार के बजट में वित्त मंत्री के हाथ में ब्रीफकेस की परंपरा खत्म हुई और उसकी जगह लाल रंग का बही खाता आ गया। पूरे देश का हिसाब किताब इसी अशोक स्तंभ वाले लाल रंग के बही खाते में. वित्त मंत्री की मां और पिताजी भी बेटी को देश का बजट पेश करते देखने के लिए संसद पहुंचे। ट्रकों से बजट की कॉपियां उतारी गईं। सदन ने नए साल के बजट का ऐलान करने जा रही निर्मला का जोरदार स्वागत किया. बजट में गांव और गरीब पर केंद्रीत रहा. जिसमें किसानों, मजदूरों और महिलाओं पर सरकार ने पूरा फोकस किया।

उद्योग और व्यापार जगत के लिए कई बड़े फैसले किए गए हैं। इंश्योरेंस, एनिमेशन, एविएशन और मीडिया में विदेशी निवेश बढ़ाने के फैसले से व्यापार को मजबूती मिलने की संभावना है। छोटे उद्यमियों और छोटी कंपनियों को व्यापार में रियायतें दी गई है। प्रधानमंत्री ने भी इस बजट के लिए वित्त मंत्री को बधाई दी है।

बजट में होम लोन के टैक्स में छूट देकर सरकार ने निम्न-मध्य वर्ग को भी घर के सपने पूरे करने का रास्ता दिखाया है। हालांकि उच्च आय वर्ग वालों को इस बजट से निराशा हुई होगी। सरकार ने उन पर अतिरिक्ट टैक्स लगाया है। साथ अलग से सेस लगाए जाने के बाद ही पेट्रोल-डीजल भी महंगा हो जाएगा।

मोदी सरकार को इतने बड़े मैंडेट के साथ लाने में गांव-गरीब का बड़ा योगदान है। सरकार ने भी योजना बनाते समय उनको ध्यान में रखा है। वहीं, बड़े व्यापारियों को थोड़ी निराशा हो सकती है, जो कि हमें शेयर बाजार में गिरावट के रूप में नजर आया।

बैंक खाते से साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश विदड्रॉल पर 2 प्रतिशत लेवी देना पड़ेगा। सरकार ने यह व्यवस्था नकदी लेनदेन की आदत खत्म करने के लिए लाई है। वहीं, डिजिटल पेमेंट पर कन्ज्यूमर से कोई अतिरिक्त चार्ज या एमडीआर नहीं वसूला जाएगा। 

पांच साल पहले दुनिया के टॉप 200 में देश का एक भी शैक्षणिक संस्थान नहीं आता था। आज दो आईआईटी समेत तीन संस्थान इस लिस्ट में आते हैं। उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए रेग्युलेटरी सिस्टम में और सुधार लाया जाएगा ताकि देश में उच्च शिक्षा का माहौल अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सके।