ग्वालियर: नाबालिग होने के शक में महिला बाल विकास और पुलिस ने जिस युवती की शादी रूकवा दी थी, अंतत: 10 दिन उसका मेडिकल जांच हो ही गया। मेडिकल जांच में युवती को बालिग प्रमाणित किया गया है। इसके बाद पुलिस ने युवती को घर भेज दिया है। बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की टीम ने युवती को बिदाई से पहले हिरासत में ले लिया था। इस दौरान युवती को सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया था। युवती न घर जा पा रही थी न तो ससुराल।
मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की टीम ने 10 दिन पहले यानि 8 जुलाई को ठाठीपुर थाना क्षेत्र के नदी पारा इलाके में दूल्हा और दुल्हन को शादी के मंडप से नाबालिग होने की शंका पर हिरासत में ले लिया था। बताया गया कि दुल्हन की सिर्फ विदाई ही बाकी थी। इससे पहले उसे हिरासत में ले लिया गया था।
असमंजस होने पर दोबार किया गया मेडिकल जांच
जिला प्रशासन की टीम ने पहले भी दुल्हन का मेडिकल जांच किया था, जिसमें बालिग होना प्रमाणित किया गया था। लेकिन असमंजस की स्थिति होने के कारण दोबार मेडिकल जांच किया गया। इस संबंध में कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत से रिपोर्ट मंगाई थी।
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10 दिनों तक वन स्टाप सेंटर में रही दुल्हन
युवती को मेडिकल परीक्षण के लिए 10 दिन का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान जिला प्रशासन ने युवती को सखी वन स्टाप सेंटर में रखा।
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