रतलाम- झाबुआ सीट पर बीजेपी के गुमान सिंह डामोर ने दर्ज की शानदार जीत, कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 90 हजार मतों से हराया

रतलाम- झाबुआ सीट पर बीजेपी के गुमान सिंह डामोर ने दर्ज की शानदार जीत, कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 90 हजार मतों से हराया

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  • Publish Date - May 24, 2019 / 05:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

रतलाम । रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर भाजपा के गुमान सिंह डामोर ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को 90 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया। बता दें कि पिछली बार इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांतिलाल भूरिया ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार यहां उनका जादू नहीं चला। लोकसभा चुनाव के सांतवें चरण में रतलाम लोकसभा सीट पर 75.47 प्रतिशत मतदान हुआ। 2014 में मोदी लहर में भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया यहां से सांसद चुने गए थे, लेकिन एक साल बाद ही उनका निधन हो गया और बाद में हुए उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया भाजपा से यह सीट छीनने में कामयाब रहे थे।

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आठ विधानसभा सीटें
रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट के तहत आठ विधानसभा सीटें आती हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में इन आठ में से पांच कांग्रेस और तीन भाजपा ने जीती थी।

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रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट का इतिहास
झाबुआ और वर्तमान में रतलाम लोकसभा सीट पर 1957 से 2015 तक हुए 15 चुनाव व एक उपचुनाव में कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है। भाजपा ने 2014 में पहली बार इस आदिवासी सीट पर कमल खिलाया था, लेकिन निर्वाचित सांसद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर से यह सीट भाजपा से छीनकर अपने कब्जे में ले ली। संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक 11 बार ‘भूरिया’ का कब्जा रहा। दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस से पांच बार, भाजपा से एक बार सांसद चुने गए, वहीं कांतिलाल भूरिया कांग्रेस से पांच बार सांसद निर्वाचित हुए थे। आदिवासी बहुल रतलाम लोकसभा सीट पर 1957 से 1967 तक हुए तीन चुनाव में कांग्रेस ने हैट्रिक बनाई थी। इसके बाद 1971 में एसएसपी और 1977 में बीएलडी ने कांग्रेस को पटखनी देकर दबदबा जमाया, लेकिन इसके बाद यह आज तक कायम नहीं रहा सका। 2014 के चुनाव में नमो लहर में जरूर भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ ढहाते हुए सफलता का झंडा गाड़ा, लेकिन यह भी भाजपा के निर्वाचित सांसद दिलीपसिंह भूरिया के निधन से ज्यादा दिन टिक नहीं पाया। 2015 में हुए उपचुनाव में फिर कांग्रेस ने अपने गढ़ में वापसी कर ली।

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आठ विधानसभा
इस सीट से आठ विधानसभा जुड़ी हैं। इनमें जोबट, आलीराजपुर, झाबुआ, पेटलावद, थांदला विधानसभा सीट झाबुआ क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं, वहीं रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर, सैलाना विधानसभा सीट रतलाम जिले से जुड़ी हैं। स

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बसे बड़ी जीत कांतिलाल भूरिया के नाम संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम है। 1962 के चुनाव में कांग्रेस की जमुनादेवी ने भारतीय जन संघ के गट्टू को सबसे कम 22,384 मतों से पराजित किया था। जमुनादेवी को 68,024 मत और गट्टू को 45,640 मत मिले थे। इसी प्रकार 1999 के चुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया को सर्वाधिक 1,49,377 मतों से पटखनी दी थी। कांतिलाल को 3,71,842 मत और दिलीपसिंह को 2,22,465 मत मिले थे। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर अब तक हुए कुल 16 चुनाव में पांच बार महिला प्रत्याशी टक्कर में रही, लेकिन जीत केवल एक बार ही मिली। 1962 में कांग्रेस से जमुनादेवी सफलता का परचम फहराकर इस सीट की पहली महिला सांसद निर्वाचित हुई। इसके बाद जमुनादेवी ने 1980 में फिर जेएनपी से किस्मत आजमाई, लेकिन कांग्रेस के दिलीपसिंह भूरिया से पराजित हो गईं थी।

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लोकसभा निर्वाचन 2019 के परिणाम घोषित
लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिये संसदीय क्षेत्र रतलाम-24 के लिये विधानसभा क्षेत्र रतलाम ग्रामीण-219, विधानसभा क्षेत्र रतलाम शहरी-220 एवं विधानसभा क्षेत्र सैलाना-221 के मतो की गणना शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम में की गई। विधानसभा क्षेत्र-191 अलीराजपुर, विधानसभा क्षेत्र-192 जोबट के मतों की गणना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीराजपुर मे की गई। विधानसभा क्षेत्र झाबुआ-193, विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 एवं विधानसभा क्षेत्र पेटलावद-195 के मतों की गणना का कार्य शासकीय पोलेटेक्निक काॅलेज झाबुआ मे किया गया।

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विजयी उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर को 6,96,103 मत प्राप्त हुए। उनके नजदीकी प्रतिद्वंदी कांतिलाल भूरिया को 6,05,467 मत प्राप्त हुए। नोटा में 35,431 मत प्राप्त हुए। रिटर्निंग अधिकारी संसदीय क्षेत्र रतलाम-24 प्रबल सिपाहा द्वारा सभी आठों विधानसभा के मतों की गणना के अनुसार पूरे संसदीय क्षेत्र रतलाम-24 के लिये भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर को 90,636 मतो से निर्वाचित घोषित किया गया। निर्वाचित अभ्यर्थी को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। गुमान सिंह डामोर ने इस जीत पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया है।