बिलासपुर । 2259 पदों पर आरक्षकों की भर्ती निरस्त करने के विरुद्ध दायर याचिका पर उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है। मामले में कोर्ट ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में भाग लिया था, उनका दोबारा फिजिकल एग्जाम लिया जाए। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को 3 महीनों में करने का आदेश कोर्ट ने शासन को दिया है। प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार को आरक्षक पद पर भर्ती के लिए कोई भी नोटिफिकेशन ना निकालने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। मामले में अपना फैसला लेने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।
ये भी पढ़ें- जनसंपर्क मंत्री ने एक पूर्व सीएम को हीरो तो दूसरे को बताया जोकर, दि…
गौरतलब है कि 2017 में 2259 पद पर हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी नहीं किए जा रहे हैं। इसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर पहले 2 महीने के भीतर बीजेपी को मामले का निराकरण करने हेतु आदेश जारी किया था। लेकिन बाद में सरकार द्वारा आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया गया।
ये भी पढ़ें- रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ SECR के ऑफिस सुपरिटेंडेंट, बिल …
पूरे मामले पर हालांकि महाधिवक्ता ने कोर्ट के फैसले को राज्य शासन के पक्ष में बताया है। उन्होंने कहां की पूर्वर्ती सरकार नियमो में फेरबदल कर कई अभ्यर्थियों की बैकडोर एंट्री कराना चाहती थी। जिसपर आज कोर्ट ने रोक लगा दी है। पूरे मामले पर चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पी पी साहू की डिवीजन बेंच ने अपना फैसला दिया।