बिलासपुर: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त का दिन तय किया गया है। देश भर के कई धर्म गुरुओं ने इस दिन को शुभ बताया है। लेकिन मुहूर्त को लेकर साधू संतों की राय एक नहीं है। जहां एक ओर धर्म गुरुओं ने 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त बताया है तो ज्योतिषपीठाधीश्वर और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इस दिन को भूमि पूजन के लिए शुभ नहीं बताया है। इसी कड़ी में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास का भी बड़ा बयान सामने आया है।
महंत रामसुंदर दास ने भी राम मंदिर निर्माण के मुहूर्त को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के सुर में मिलाया सुर मिलाया है। उन्होंने कहा है कि देवशयनी में कोई भी शुभ कार्य सनातन परंपरा के अनुसार विपरीत माना जाता है। देवशयनी में छोटा से छोटा शुभ काम भी नहीं होता है। इतने बड़े राम मंदिर के लिए कहां से शुभ मुहूर्त निकाले समझ से परे है। बिना शुभ मुहूर्त के मंदिर का निर्माण ठीक नहीं।
गौरतलब है कि बीते दिनों शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि हम राम मंदिर के ट्रस्ट में कोई पद नहीं चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक से हो और आधारशिला सही समय पर रखी जाए। लेकिन यह अशुभ घड़ी है।
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शंकराचार्य ने आगे कहा था कि आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के ‘उत्तम काल’ खंड में अच्छा काम किया जाता है। 5 अगस्त की तिथि हिंदू कैलेंडर के दक्षिणायन भाद्रपद माह में पड़ रही है। 5 अगस्त को कृष्ण पक्ष की दूसरी तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद माह में घर/मंदिर के निर्माण की शुरूआत करना निषिद्ध है।