पुलिस कस्टडी में मौतों की विधानसभा कमेटी करेगी जांच, विपक्ष के हंगामा के बाद स्पीकर ने की घोषणा | Assembly committee will investigate deaths in police custody Speaker announced after opposition's uproar

पुलिस कस्टडी में मौतों की विधानसभा कमेटी करेगी जांच, विपक्ष के हंगामा के बाद स्पीकर ने की घोषणा

पुलिस कस्टडी में मौतों की विधानसभा कमेटी करेगी जांच, विपक्ष के हंगामा के बाद स्पीकर ने की घोषणा

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 PM IST
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Published Date: March 4, 2020 8:29 am IST

रायपुर । पुलिस कस्टडी में हुई मौतों को लेकर आज विधानसभा का माहौल जोरदार गरमाया। इसके चलते विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को हस्तक्षेप करते हुए कहना पड़ा कि इस मामले की जांच विधानसभा की कमेटी करेगी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जांच के निर्देश दिए। आज सदन में पुलिस कस्टडी में हुई सूरजपुर में कृष्णा सारथी, पंकज बेग की मौत का मामला उठा, तो वहीं दुर्ग जेल में राजकुमार देवांगन का मामला भी गूंजा।

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सदन में गृहमंत्री ने पंकज बेग की आत्महत्या को पुलिस कस्टडी में मौत नहीं कहा, बताया गया कि पंकज बेग ने हवालात से भागकर दूसरी जगह आत्महत्या की थी, इसलिए उसे पुलिस कस्टडी में मौत नहीं कहा जा सकता। विपक्ष ने इस जवाब पर सख्त ऐतराज जताया। वहीं कृष्णा सारथी के मुद्दे पर विपक्ष का कहना था कि दवाब में कृष्णा सारथी को बिना अपराध पंजीकृत किये ही थाने लाया गया और उसकी पिटाई की गयी, इसके बाद उसे फांसी पर लटका दिया गया। विपक्ष ने सरकार ने जानना चाहा कि इस प्रकरण में अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी है, वहीं परिजनों को अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।

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बृजमोहन अग्रवाल के सवाल के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा और सौरव सिंह ने इस मामले पर सरकार पर सवाल खड़े किए। इस प्रकरण की जांच विधानसभा की कमेटी से कराने की मांग की। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सवाल को लेकर सदस्य काफी उद्वेलित हैं, इसलिए इसकी जांच विधानसभा की समिति से करायी जायेगी। शून्यकाल के दौरान सभापति शिवरतन शर्मा की अनुमति से वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के थानों और जेलों में हुई मौत के मामले में न्यायिक जांच चल रही है । ऐसे में दो दो जांच नही हो सकती है ।भाजपा सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान मंत्री के बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए इसे व्यवस्था का प्रश्न कहा , विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सदन को पूरा अधिकार है कि वह किसी भी मामले की जांच सदन की कमेटी से करा सकती है ।इस मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी का माहौल बना ।