RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए सीट के बराबर भी नहीं आए अवेदन! लॉकडाउन ने रोका रास्ता

RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए सीट के बराबर भी नहीं आए अवेदन! लॉकडाउन ने रोका रास्ता

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  • Publish Date - July 11, 2020 / 02:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

रायपुर: प्रदेश में आरटीई यानि राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, लेकिन इस बार हर साल की तरह सीट से दोगुने-तिगुने फॉर्म की बजाय एक अलग ही तस्वीर नजर आ रही है। जहां पूरे प्रदेश के 20 से 22 जिलों में आरटीई की सीट की संख्या के बराबर भी आवेदन नहीं आए हैं। पूरे प्रदेश के 6 हजार 82 निजी स्कूलों की 81 हजार 452 सीटों के लिए 77 हजार 251 आवेदन प्राप्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में आए आवेदनों में से केवल 5 से 6 जिलों में ही सीट के बराबर या सीट से ज्यादा का ऑकड़ा पार हुआ है।

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वहीं, राजधानी रायपुर के 831 स्कूलों की 8 हजार 671 सीटों पर सीट से ज्यादा 10 हजार 351 ऑनलाइन फार्म आए हैं। इसी तरह महासमुंद, कोरबा, कोरिया, कवर्धा, दुर्ग, बलौदाबाजार और धमतरी में भी हर साल की तरह सीट के दोगुने तो नहीं, बल्कि सीट से ज्यादा फॉर्म प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा सभी जिलों में आवेदन का ऑकड़ा सीट के नीचे ही रह गया। खासतौर पर दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कांकेर, सुकमा, बालोद, बलरामपुर, गरियाबंद औऱ नारायणपुर में तय सीटों के बराबर भी फॉर्म नहीं आ पाए।

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कोरोना काल के बीच शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए मार्च के महीने से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरु हुई थी, जिसके बाद लॉकडाउन के चलते तारीखें बढ़ती गई और 10 जुलाई तक चली। आज फिर से शिक्षा विभाग ने आवेदन की प्रक्रिया की तारीखें दो दिनों के लिए बढ़ा दी हैं। यानि अब पालकों को आने वाले दो दिनों तक औऱ आवेदन करने का मौका मिलेगा। लेकिन पालकों की मानें तो अभी कोरोना की स्थिति के बीच कई इलाके कंटेनमेंट जोन में है, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावक खुद नहीं बल्कि च्वाइस सेंटरों में जाकर फॉर्म भरते हैं। लेकिन तीन महीने चली लॉकडाउन की प्रक्रिया के दौरान च्वाइस सेंटर्स बंद रहे और अभी भी ज्यादतर जिलों में यही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से पालक सुविधाओं के आभाव में आवेदन नहीं कर पाए। सीट खाली रह जाने को लेकर पालक संघ सचिव ने यही एक बड़ी वजह बताई है कि सुदूर इलाके के निजी स्कूलों की सीटें खाली रह गईं।

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अब पालक संघ ने मांग की है कि जब तक स्कूल नहीं खुल जाते तब तक आवेदन की प्रक्रिया चलनी चाहिए और प्रवेश की प्रक्रिया स्कूल खुलने तक स्थगित रहनी चाहिए। तो वहीं शिक्षा विभाग की मानें तो 15 जुलाई को लॉटरी की पहली प्रक्रिया कराई जाएगी।

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इन जिलों में प्राप्त हुए इतने आवेदन
जिला    स्कूल    सीट    आवेदन
रायपुर   831   8671  10388
बिलासपुर 606 10560 7407
सुकमा     15   174    150
बीजापुर    33   444    210
दंतेवाड़ा    21   255    151
दुर्ग       552   6091 7113
रायगढ़   358   4136 3703