पेंड्रा: मरवाही उपचुनाव के लिए ऋचा और अमित जोगी का नामांकन रद्द किए जाने के बाद से प्रदेश के सियासी गलियारों में सरगर्मी चरम पर है। इस मुद्दे को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई है। वहीं दूसरी ओर संकट की इस घड़ी में अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ अमरकंटक पहुंचे हैं। यहां वे आज शाम 6 बजे कल्याण बाबा से मुलाकात करेंगे।
दूसरी ओर जोगी का जाति प्रमाण निरस्त किए जाने के फैसले का एससीएसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नन्दकुमार साय ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि जोगी शासन काल में नेता प्रतिपक्ष रह चुके नन्दकुमार साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जिस तरह से नकली प्रमाणपत्र बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन थे उसके विरोध में मैंने न्यायालय में लम्बी लड़ाई लड़ी है। आज जब यह निर्णय आया है तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं लगातार कहता रहा हूं कि अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के है ही नहीं।
उन्होंने ने आगे कहा है कि अब उनके पुत्र अमित और बहू ऋचा जोगी भी प्रयत्न कर रहे थे कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते हैं। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने जो फैसला दिया है, वो सम्मानजनक है। इस फैसले से अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा होगी। ऐसे और भी लोग जो अवैध तरीके से प्रमाणपत्र बनाकर जनजाति वर्ग के हितों को हड़पने का काम करते हैं उनकी भी जांच होनी चाहिए।
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