मुद्दों का अंबार…’बढ़कर करो वार’…डी पुरंदेश्वरी की नसीहत के बाद ‘आराम’ छोड़ेंगे बीजेपी नेता?

मुद्दों का अंबार...'बढ़कर करो वार'...डी पुरंदेश्वरी की नसीहत के बाद 'आराम' छोड़ेंगे बीजेपी नेता?

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  • Publish Date - May 18, 2021 / 05:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

रायपुर: डी पुरंदेश्वरी ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ बीजेपी को फटकार लगाते हुए कहा है कि नेता घऱ से बाहर निकले और जनता के मुद्दों को उठाएं। दरअसल कोविड काल में सरकार के खिलाफ पार्टी की रणनीति से बेहद नाराज हैं पुरंदेश्वरी, सोमवार को समीक्षा बैठक में प्रदेश प्रभारी ने कहा कि सरकार के खिलाफ मुद्दों का अंबार है। लेकिन पार्टी उन विफलताओँ को सही से उठा नहीं पा रही, जिससे जनता में गलत मैसेज जा रहा। कुल मिलाकर डी पुरंदेश्वरी को कोशिश है कि अगले चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जमीनी स्तऱ पर पकड़ मजबूत हो। अब सवाल है ये कि डी पुरंदेश्वरी की नसीहत के बाद बीजेपी नेता इस पर कितना अमल करेंगे? और सत्ता पक्ष के लिए ये कितना चुनौतीपूर्ण होगा?

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छत्तीसगढ़ बीजेपी की प्रदेश बीजेपी डी पुरंदेश्वरी ने प्रदेश पदाधिकारियों को फटकार लगाई। सोमवार को हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक में डी पुरंदेश्वरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिनके खिलाफ जनता नाराज है। लेकिन बीजेपी नेता इन मुद्दों को सही तरीके से उठा नहीं पा रहे हैं। पुरंदेश्वरी ने इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि कोरोना काल में सरकार की कई विफलताएं है, जिसे पार्टी कार्यकर्ता और नेता घर से निकलकर बूथ लेवल पर जनता तक पहुंचाएं। सूत्रों के मुताबिक सेवा ही संगठन कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की एक सूची संगठन तैयार कर रहा है। संगठन के पदाधिकारी सभी नेताओं पर इन दिनों नजर रखे हुए हैं कि वे इस संकटकाल में कार्यकर्ताओं और अपने क्षेत्र की जनता के लिए क्या कर रहे हैं कितना फील्ड में उपलब्ध है। जाहिर है डी पुरंदेश्वरी पार्टी की रणनीति में सुधार लाने लगातार चाबुक चला रही है, जिसपर अब कांग्रेस भी चुटकी लेने में पीछे नहीं।

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समीक्षा बैठक में डी पुरंदेश्वरी की नाराजगी के बहाने सत्ता पक्ष भले बीजेपी पर कमजोर विपक्ष होने का आरोप लगा रही। लेकिन पार्टी नेताओं का दावा है कि कोरोना काल में बीजेपी और मोर्चा प्रकोष्ठ लगातार सक्रिय है। पार्टी के सेवा ही संकल्प अभियान के तहत नेता-कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। 18 प्लस वैक्सीनेशन की अव्यवस्था को लेकर धरना देना हो या फिर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरना इसका उदाहरण है।

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कुल मिलाकर छत्तीसगढ में आगामी विधानसभा चुनाव में अभी काफी समय है, लेकिन डी पुरंदेश्वरी ये जानती है कि सत्ता में वापसी करना इतना आसान नहीं है। लिहाजा वो लगातार समीक्षा बैठक कर जीत के लिए एक्शन प्लान बना रही है। हालांकि डी पुरंदेश्वरी स्थानीय नेताओं के परफॉर्मेंस से कुछ खास खुश नहीं हैं और फटकार लगाते हुए नसीहत दी है कि नेता घर से बाहर निकले। अब सवाल ये है कि नसीहत के बाद ‘आराम’ छोड़ेंगे बीजेपी नेता ?

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