रायपुरः नई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के आने के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी पहले से ज्यादा आक्रामक नजर आ रही है। पहले धान खरीदी, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर बीजेपी ने सरकार की घेराबंदी की तो अब बढ़ते अपराध, शराब और ड्रग्स के फैलते कारोबार को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी भारतीय जनता पार्टी। ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई सूबे में लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था दम तोड़ चुकी है? या फिर सरकार के खिलाफ लगातार धऱना, प्रदर्शन और आंदोलन कर बीजेपी केवल सियासत कर रही है?
अलग-अलग जिलों ये तस्वीर बीते 13 जनवरी की है। जब बीजेपी ने धान खरीदी को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था. अब बीजेपी अपने नए प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन की मौजूदगी में 22 जनवरी को पूरे प्रदेश में हल्लाबोल करने वाली है।
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दरअसल, छत्तीसगढ़ बीजेपी की नई प्रभारी के आने के बाद से सूबे की राजनीति में बीजेपी में सक्रियता बढ़ गई है या यूं कह लें कि बीजेपी अब आक्रामक मोड में दिखने लगी है। धान खरीदी के बाद बीजेपी प्रदेश में बढ़ते अपराध, शराब और ड्रग्स के फैलते कारोबार को लेकर सरकार की घेराबंदी की तैयारी में है। युवा और महिला मोर्चा की नई कार्यकारिणी और नव नियुक्त जिला अध्यक्षों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बीजेपी हाई कमान ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि सरकार लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर फेल है। जनता शराब, ड्रग्स के फैलाते कारोबार और इसकी वजह से लगातार बढ़ रहे अपराध से त्रस्त हैं। विपक्ष के आरोपों पर मंत्री अमरजीत भगत ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर बेहतर काम कर रही है..बीजेपी केवल धरना, प्रदर्शन और आंदोलन कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है।
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सत्ता पक्ष भले दावा करे कि प्रदेश में सब कुछ सामान्य है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि शराब और ड्रग्स की वजह से प्रदेश में अपराध के आंकड़े बढ़े हैं। पुलिस की जांच में लगातार ये बात भी सामने आ रही है। आरोपियों ने नशे की हालत में वारदातों को अंजाम दिया है। बहरहाल धान खरीदी के बाद नशा, शराब और बढ़ते अपराध को लेकर बीजेपी का सरकार को घेरने का प्लान कितना सफल होता है। ये तो वक्त बताएगा..लेकिन धान के कटोरे में बीजेपी-कांग्रेस में तल्खी आने वाले दिनों में और बढ़ेगी ये तय है।