AIIMS रायपुर में होगा प्लाज्मा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल, 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों पर किया जाएगा परीक्षण

AIIMS रायपुर में होगा प्लाज्मा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल, 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों पर किया जाएगा परीक्षण

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  • Publish Date - May 21, 2020 / 04:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

रायपुर: कोरोना संकट के बीच राजधानी रायपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि रायपुर एम्स में भर्ती कोरोना मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल 18 साल से अधिक उम्र के मरीजों पर किया जाएगा। वहीं, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करवा रही महिलाओं और किसी अन्य ट्रायल से संबंधित रोगियों को शामिल नहीं किया जाएगा। इस बात की जानकारी एम्स प्रबंधन ने दी है।

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एम्स रायपुर के डायरेक्टर सुनील एम नागरकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि देशभर में होने वाले प्लाज्मा थैरेपी के क्लिनिकल ट्रायल का भाग बनने जा रहा है। इसके माध्यम से आईसीएमआर द्वारा किए जा रहे वृहद स्तर के क्लिनिकल ट्रायल में एम्स भी अपना अहम योगदान देगा।

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रिसर्च प्रोटोकॉल के अनुसार इस ट्रायल में उन रोगियों को शामिल किया जाएगा जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं और उनके रक्त से संबंधित डोनर प्लाज्मा उपलब्ध है। इसमें गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करवा रही महिलाओं और किसी अन्य ट्रायल से संबंधित रोगियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

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इसमें इंटरवेंशन और कंट्रोल आर्म ग्रुप बनाए जाएंगे।इंटरवेंशन आर्म में शामिल रोगियों को 200 मिली का कोवल्सेंट प्लाज्मा दिया जाएगा जबकि कंट्रोल ग्रुप में सामान्य उपचार प्रदान किया जाएगा। इन रोगियों का एक, तीन, सात, 14 और 28 दिनों में प्रथम ट्रांसफ्यूजन के बाद परीक्षण किया जाएगा।

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