भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध करार देने के बाद प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे दे दिए हैं। अब तक करीब 3 हजार जूनियर डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर और सरकार आमने सामने आ गए हैं।
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भोपाल में हुई जूडा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामूहिक इस्तीफे का एलान किया गया। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश के सभी 3 हजार जूनियर डॉक्टरों ने सामूहित इस्तीफे का ऐलान किया है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार हमने बात नहीं कर रही ना ही हमारी बात मान रही है। ऐसे में हमारे पास इस्तीफे के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।
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इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना संकटकाल में स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग पर हड़ताल करना ब्लैकमेलिंग के समान है। हाईकोर्ट ने एक और अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि भले जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी शपथ भुला दी हो लेकिन ज्यूडीशरी ने अपनी शपथ नहीं भुलाई है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जूनियर डॉक्टर्स 24 घंटे के भीतर अपने काम पर लौटें। साथ ही राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि अगर जूनियर डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं तो वो सख्त कार्रवाई करें।