वादों की पड़ताल…कितने पूरे, कितने अधूरे! आखिर 2 साल बाद कांग्रेस को अपने चुनावी वादों की याद क्यों आई?

वादों की पड़ताल...कितने पूरे, कितने अधूरे! आखिर 2 साल बाद कांग्रेस को अपने चुनावी वादों की याद क्यों आई?

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  • Publish Date - January 23, 2021 / 05:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

रायपुरः सत्ता में आने के दो साल के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किये वादों की सुध ली है। मैनिफेस्टों पर मंथन करने के लिए शनिवार को घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति की बैठक हुई, जिसमें समिति के संयोजक जयराम रमेश, सदस्य पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए। कांग्रेस के मुताबिक है कि विधानासभा चुनाव 2018 के लिए किए गए 36 बड़े वादो में से 25 वादे पूरे कर लिए हैं, बाकि वादों को भी मूल्यांकन कर जल्द पूरा कर लिया जाएगा। जाहिर है शराबंबदी और नियमितिकरण का वादे को लेकर सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। अब सवाल ये है कि आखिर 2 साल बाद कांग्रेस को अपने चुनावी वादों की याद क्यों आई?

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2018 में चुनावी वादों के दम पर 15 साल बाद सत्ता में लौटी भूपेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी कि वो जनता से किए वादों को पूरा करे। पिछले 2 साल की बात करें तो कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टों में किए अधिकतर वादों को पूरा करने का दावा करती है। हालांकि किसानों की कर्जमाफी और धान का दाम 2500 रुपए देने के लिए बनाई गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर ही सरकार 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है, जो बजट का लगभग 20 प्रतिशत है। लेकिन शराबबंदी, नियमितीकऱण, बेरोजगारी भत्ता का वादा पूरा करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि दो सालों में हमने 36 में 25 वादे पूरे किए है, बाकी वादों का मूल्यांकन कर पूरा कर दिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक साल 2023 तक जनता से किए सभी वादे पूरे कर लिए जाएंगे। बीते दिनों मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा में भी सीएम ने उनके विभागों से संबंधित चुनावी वादों को पूरा करने पर रोडमैप तैयार किया है। साथ ही चर्चा है कि चुनावी वादों को पूरा करने इस बार के बजट में नई योजनाएं नहीं लाएगी। दरअसल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में भी कांग्रेस छत्तीसगढ़ सरकार को चुनावी वादों को पूरा करने वाली सरकार के रुप में उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत कर सकती है। हालांकि विपक्ष चुनावी वादों को लेकर रोजाना राज्य सरकार को घेर रहा है।

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार कहती रही है कि बीजेपी 15 सालों में कभी अपना चुनावी वादा पूरा नहीं किया। लेकिन अब राज्य की जनता के प्रति जवाबदेह कांग्रेस की है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि भूपेश सरकार अगले 3 साल में बचे हुए सभी वादों को पूरा कर पाएगी?

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