करोड़ों के टर्नओवर ओवर वाले फर्जी बैंक पर कार्रवाई, सोसायटी के माध्यम से चिटफंड कारोबार की आशंका

करोड़ों के टर्नओवर ओवर वाले फर्जी बैंक पर कार्रवाई, सोसायटी के माध्यम से चिटफंड कारोबार की आशंका

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  • Publish Date - January 30, 2021 / 05:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

ग्वालियर। शहर के सबसे व्यस्त बाजार में एसडीएम, तहसीलदार ने पुलिस के साथ मिलकर फर्जी बैंक पर छापामार कार्रवाई की है। यहां दो कमरों में फर्जी बैंक संचालित किया जा रहा था। दाल बाजार में संचालित यूनाइटेड क्रेडिट सोसायटी पर 2014 से अभी तक लगभग 8 करोड़ रुपए के बैंकिंग व्यवसाय का पता चला है। बैंकिंग के लिए जरूरी आरबीआई का लाइसेंस भी संस्था के पास नहीं था।

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ग्वालियर एसडीएम अनिल बनबारिया को यूनाइटेड क्रेडिट सोसायटी द्वारा बैंकिंग के कारोबार किए जाने की सूचना मिली थी, एसडीएम ने इसको लेकर पहले पूरी पड़ताल कराई, उन्होंने पहले पटवारी संतोष और आरआई महेंद्र यादव को कॉऑपरेटिव संस्था के कार्यालय में भेजा और बैंकिंग के व्यवसाय की तस्दीक की।

शिकायत सही पाए जाने पर प्रशासन और पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया। पूरे दल के पहुंचने की समय भी संस्था के कार्यालय में बैंकिंग लेनदेन का काम जारी था। छानबीन के दौरान संस्था के दस्तावेज भी सही नहीं मिले है, इसके साथ ही बचत खाता और लोन को लेकर लुभावनी योजनाओं के ब्राउज़र भी जब्त किए गए हैं।

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यूनाइटेड क्रेडिट सोसायटी,डबरा निवासी रविंद्र झा की बताई गई है । संस्स्था संचालक फिलहाल गोविंदपुरी में रह रहा है। इस संस्था ने समय पर चुनाव भी नहीं कराए थे, इस वजह से सहकारिता विभाग ने निरीक्षक आनंद माझी को प्रशासक नियुक्त किया है, लेकिन प्रशासक का कहना है कि उनको इनके व्यवसाय के बारे में जानकारी ही नहीं है ।

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इस संस्था में कुल 762 सदस्य हैं, इनमें 614 पुरुष और 148 महिलाएं शामिल हैं। अनारक्षित सदस्यों की संख्या 649 है ।अनुसूचित जाति के सदस्य 69 और अनुसूचित जनजाति के 44 सदस्य कुल सदस्य सूची में शामिल होना पाए गए है। वहीं जांच पड़ताल में दो अन्य सोसाइटी उपकार वेल्थ इंडिया और बंधन बचत सहकारी समिति के दस्तावेज भी यूनाइटेड क्रेडिट सोसाइटी के दफ्तर में मिले हैं। इन संस्थाओं के दस्तावेज किसी सूर्यकांत झा के नाम से है, ये शख्स आरोपी रविंद्र झा के ससुराल पक्ष से रिश्तेदार बताया जा रहा है । अधिकारियों को आशंका है की इन दोनों सोसायटी के माध्यम से चिटफंड का कारोबार किया जा रहा है।