MP की सियासत में जासूसी पर छिड़ी जंग ! पेगासस जासूसी के बहाने एक तीर से कई निशाने !

MP की सियासत में जासूसी पर छिड़ी जंग ! पेगासस जासूसी के बहाने एक तीर से कई निशाने !

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  • Publish Date - July 21, 2021 / 05:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

भोपाल। देश की राजनीति में तूफान मचाने वाले कथित पेगागस जासूसी कांड पर अब मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है। दिल्ली के बाद अब भोपाल में आरोप-प्रत्यारोप के तीर चल रहे हैं। बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला किया..तो गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया के सामने आए..और केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दावा किया कि..पेगासस मामले में आगे कई और खुलासे होंगे। अब सवाल ये है कि… क्या मध्यप्रदेश में जासूसी के बहाने.. एक तीर से कई निशाने साधे जा रहे हैं। 

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 पेगासस जासूसी मामले पर मध्यप्रदेश का सियासी पारा भी लगातार ऊपर चढ़ रहा है। कांग्रेस नेता केंद्र और बीजेपी सरकार पर आक्रामक हैं तो दूसरी ओर  बीजेपी भी पलटवार कर रही है। कथित जासूसी मामले में एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि.. जिनका इतिहास जासूसी का रहा है हम उनकी जासूसी क्यों करेंगे ? सीएम शिवराज ने पूरे प्रकरण को देश को बदनाम करने की साजिश करार दिया..तो दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पेगासस मामले में कई खुलासे किए हैं। कमलनाथ ने कहा कि ये सॉफ्टवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं बल्कि मोदी सुरक्षा के लिए खरीदा गया था।  सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग करते हुए कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार कोर्ट में हलफनामा दे कि उन्होंने ये सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है। 

 कमलनाथ ने दावा किया कि कर्नाटक सरकार गिराने में भी इस सॉफ्टवेयर की भूमिका थी। संभव है कि मध्यप्रदेश में भी सरकार गिराने के लिए इस्तेमाल किया गया हो। कमलनाथ ने चुटकी लेते हुए कहा कि.. क्या पता शिवराज सिंह चौहान का भी फोन टैप किया जा रहा हो, वहीं राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने भी ट्वीट कर  सीएम शिवराज की कुर्सी खतरे में बताई है। 

वहीं कमलनाथ के आरोपों पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि अगर कमलनाथ के सबूत हैं तो सामने लाएं, भ्रम फैलाने की कोशिश न करें। 

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 बहरहाल पेगासस के जरिए कथित जासूसी पर मध्यप्रदेश में सियासी घमासान पूरे चरम पर है। कांग्रेस इसे सभी मुद्दों से बड़ा मुद्दा मानकर केंद्र और बीजेपी सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं है। कांग्रेस और कमलनाथ के तेवर देखकर लगता नहीं कि पेगासस जासूसी की आग इतनी आसानी से बुझेगी। 

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