रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों चिकित्सा के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ चल रहा है। दरअसल राजधानी में संचालित लगभग 75 प्रतिशत यानि 1321 में से 973 अस्पताल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए नर्सिंग होम एक्ट लागू किया है। इस एक्ट में अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बाद भी जिले में बड़ी संख्या में अवैध रूप से क्लीनिक, पैथोलेब व नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। 973 में से 204 डेंटल, 22 नर्सिंग होम, 107 फिजियोथैरेपी सेंटर, 87 पेथौलाजी लैब और 553 बिना मान्यता प्राप्त होम्योपैथ और आयुर्वेद सेंटर चल रहे हैं।
जिला चिकित्सा अधिकारी के आर सोनवानी का कहना है कि ये बिना मान्यता सालों से संचालित हो रहा है। अब टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल सील भी किया जाएगा। अब तक तीन अस्पतालों को गैरजिम्मेदारी वाले काम करने पर सील किया जा चुका है।
मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि अस्पतालों की मान्यता की जांच की जाएगी और जिनके दस्तावेजों में कमी पाई जाएगी। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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