हटा: कहते हैं “आवश्यकता अविष्कार की जननी है।”वैज्ञानिकों की इस कहावत को चरितार्थ करते हुए हटा ब्लाक की ग्राम पंचायत विनती अंतर्गत आने वाले करैयाजोशी गांव के युवा किसान वीरेंद्र कुशवाहा ने जुगाड़ की मदद से एक देशी हैंडपंप बनाने का सफल प्रयोग किया है। जो आधुनिक हैंडपंपों की तरह पंपिंग करने से भरपूर पानी देता है। वीरेंद्र कुशवाहा ने अपने घर की पेयजल व्यवस्था के लिए देशी तकनीक से पुराने बेकार पड़े सामान से यह हैंडपंप तैयार किया है, जो आधुनिक हैंडपंपों की तरह हैंडल चलाने मात्र से ही पानी दे रहा है।
कक्षा 8 वी तक पढ़ाई करने के बाद किसानी कार्य करने वाले किसान वीरेंद्र कुशवाहा का कहना है कि उसके खेत मे बोर का गढ्ढा पहले से था गर्मी के समय बोर में पानी नही था लेकिन कुछ समय बाद बोर में पानी आ गया, जिसमे हैंडपंप लगाना था बाज़ार में नए सेट की लागत अधिक होने से उसे देशी तकनीक से पंप तैयार करने की योजना बनाई जो कारगर हुई, वीरेंद्र ने हैंडपंप बनाने के लिये लकड़ी के खम्भे में, एक हेंडिल तैयार किया, जिसे एक लोहे के सरिए और बाजार से खरीदे गए चेकबाल की सहायता से, सिंचाई पाइप के टुकड़ों को जोड़कर लाइन तैयार कर करीब 500 रुपए की लागत से यह हैंडपंप का सिस्टम तैयार किया है। करीब 60 फ़ीट नीचे से पानी खींचकर ऊपर लाता है और पिछले दो महीनों से लगातार चल रहा है। वीरेंद्र के इस प्रयोग ने घर के अलावा पड़ोसियों की भी जलसंकट की समस्या दूर करदी, लोग किसी भी समय अपने उपयोग के लिये इस देशी तकनीक के जुगाड़ के हैंडपंप को चलाकर पानी लेते हैं।वीरेंद्र की इस प्रतिभा और प्रयोग से घर और गांव के लोग ख़ुश हैं।
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