जांजगीर: जिले के बनारी गांव के 80 वर्षीय एक बुजुर्ग को आखिरकार न्याय नहीं मिला और उन्हें इस दुनिया से रुखसत होना पड़ा। बुजुर्ग दामोदर शर्मा पिछले 6 साल से खुद को जीवित साबित करने दफ्तर का चक्कर काटता रहा। दर्जनों दरख्वास्त दी, लेकिन खुद को जिंदा साबित नहीं कर पाए और आखिरकार उनका देहांत हो गया।
दरअसल, बनारी गांव के बुजुर्ग दामोदर शर्मा को बलौदा क्षेत्र के भिलाई की पारिवारिक संपत्ति से वंचित करने के लिए, परिवार के दूसरे व्यक्ति ने फौती कटवा कर बुजुर्ग दामोदर शर्मा को मृत बता दिया और दस्तावेज में हेरफेर कर परिवार के दूसरे व्यक्ति नर संपत्ति अपने नाम पर कर ली। इसके बाद बुजुर्ग दामोदर शर्मा, खुद को जिंदा साबित करने दफ्तरों का 6 साल से चक्कर काटता रहा, लेकिन न्याय नहीं मिला और वे खुद को जीवित साबित किए ही इस दुनिया से रुखसत ही गए।
इस तरह प्रशासन की लाल-फीताशाही की भी पोल खुल गई है। एक बुजुर्ग न्याय के लिए भटकता रहा, लेकिन प्रशासन के अफसरों ने कोई सुध नहीं ली, केवल आवेदन बटोरने की औचारिकता ही निभाई। नतीजा, एक बुजुर्ग को बिना न्याय के इस दुनिया से जाना पड़ा।
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