Ken betwa link pariyojna भोपाल। केंद्र और उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ), मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) की राज्य सरकारों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता केन-बेतवा लिंक परियोजना ( ken betwa link pariyojna ) पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत अब काम की रूपरेखा भी तय हो चुकी है। जिसके बाद डीपीआर में खुलासा हुआ है कि इस परियोजना में करीब 21 लाख पेड़ काटे जाएंगे।
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सिंचाई परियोजना में 10 हजार हेक्टेयर का जंगल नष्ट होगा। वहीं छह हजार हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र डूब जाएगा। बता दें कि इस परियोजना में 77 मीटर ऊंचा और 2,031 मीटर लंबा बांध मध्य प्रदेश के छतरपुर के दौधन गांव में केन नदी पर बनाया जाना है। केन का पानी नहर के जरिए बेतवा के बेसिन में डाला जाएगा।
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दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस इसे मध्य प्रदेश सरकार का उत्तर प्रदेश सरकार के हाथों बिकना बता रही है। दरअसल, दोनों प्रदेशों में इस परियोजना को लेकर विवाद रहा है। 2005 में दोनों राज्य सरकारों के बीच जल बंटवारे का एक समझौता हुआ था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और मुलायम सिंह यादव ने हस्ताक्षर किए थे। उसमें तीसरा पक्ष केंद्र सरकार थी जिसका प्रतिनिधित्व तत्कालीन जल संसाधन मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने किया था।
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जलशक्ति मंत्रालय के मुताबिक, इस परियोजना के तहत कुल सिंचित इलाका करीब 10.62 लाख हेक्टेयर है और इससे 62 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा और 103 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन होगा। जलशक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस प्रोजेक्ट में 6,017 हेक्टेयर वन्य क्षेत्र पानी में डूब जाएगा, जिसमें 4,206 हेक्टेयर इलाका पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र का है।
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