रायपुर, छत्तीसगढ़। बीते 4 से 5 दिनों में छत्तीसगढ़ के प्रभावशाली राजनेता, सत्ता पर सीधी दखल रखने वाले पूर्व और मौजूदा IAS और कारोबारियों के यहां चली कार्रवाई को लेकर CBDT ने मीडिया को प्रारंभिक जानकारी उपलब्ध कराई है। CBDT की प्रवक्ता और कमिश्नर सुरभि अहलूवालिया ने प्रेस नोट जारी कर ये जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने डेढ़ सौ करोड़ रूपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा होने की बात कही है।
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हालांकि नोट संक्षिप्त है, लेकिन ये साफ करता है कि, भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर बल्कि कल्पना से परे जाकर मूर्त रुप ले रहा था। CBDT ने बताया है कि इस छापे के तीन इनपुट थे। इंटेलिजेंस, विश्वसनीय साक्ष्य और सूचना। प्रदेश में शराब और माइनिंग से बड़ी मात्रा में काला धन बनाया गया। शेल कंपनियां बनाई गईं और कोलकाता की कंपनियों में निवेश भी किया गया। कई छोटे कर्मचारियों के नाम पर बैंक खाते खोले गए और करोड़ों का लेनदेन किया गया है जिसकी जांच की जा रही है।
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जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डाटा और अपराध को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज जब्त किए गए हैं। साबित होता है कि शासकीय सेवक और ‘अन्य’ को बड़ी मात्रा में हर महीने अवैध रुप से रक़म मिलती थी। CBDT के मुताबिक कई ऐसे खाते भी मिले हैं जिनमें संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ है।
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एक खाता ऐसा भी है जिसका पता नहीं चला है। हालांकि उस खाते के बारे में साफ जिक्र नहीं किया गया है। बहुत से खाते लॉकर सील कर दिए गए हैं। फिलहाल जो साक्ष्य मिले हैं सब पर काम जारी है। पैसों के बारे में और भी खुलासे हो सकते हैं।