धमतरीः Women of this village महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 8 मार्च को हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। लेकिन धमतरी जिले का संदबाहरा गांव में इससे उलट दृश्य देखने को मिला। यहां की महिलाएं खाट पर नहीं सो सकती, ना ही कुर्सी पर बैठ सकती है। यहां तक की महिलाएं श्रृंगार भी नहीं कर सकती और ना ही अपनी मांग में सिंदूर लगा सकती है। अब इसे मान्यता कहे या अंधविश्वास?
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Women of this village इस बारे में जब IBC 24 के संवाददाता ने ग्रामीणों से बात की तो इसका अपना एक अलग तर्क है। ग्रामीणों का कहना है कि- साल 1960 में कुछ लोगों ने यह परम्परा तोड़ दिया था। जिसके चलते गांव की देवी नाराज हो गई और गांव में महिलाओं को कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया। जानवर भी मरने लगे। इसी डर में आज भी ग्रामीण इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। हालांकि समाजसेवियों ने समझाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
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