रायपुर : State women entrepreneurship policy : केंद्र की मोदी सरकार और अलग-अलग राज्यों की सरकार की तरफ से लघु उद्योग और स्टार्टअप को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए शानदार योजना शुरू की है। योजना के तहत सरकार ने महिला उद्यमियों के व्यवसाय शुरू करने या उसका विस्तार के लिए वित्तीय मदद, प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करने के लिए नई नीति पेश की। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘राज्य महिला उद्यमिता नीति, 2023-28’ की घोषणा की।
State women entrepreneurship policy : ट्विटर पर सरकार की नई नीति की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य महिलाओं को नौकरी देने वाला बनाना है, नौकरी मांगने वाला नहीं। बघेल ने ट्वीट किया, ‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने ‘राज्य महिला उद्यमिता नीति, 2023-28′ शुरू की है। हमारा उद्देश्य है कि राज्य की महिलाएं सिर्फ नौकरी मांगने वाली नहीं, नौकरी देने वाली भी बनें. नए स्टार्टअप, नए व्यवसाय से प्रदेश को आगे बढ़ाएं।’
आप सबको बताते हुए खुशी है कि हमने प्रदेश में “राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28” (State Women Entrepreneurship Policy 2023-28) लागू कर दी है.
हमारा उद्देश्य है कि हमारी महिलाएँ सिर्फ Job Seeker नहीं, Job Provider भी बनें.
नए स्टार्टअप, नए व्यवसाय से प्रदेश को आगे बढ़ाएँ।#SWEP pic.twitter.com/PZ9WSQrVPj
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 7, 2023
State women entrepreneurship policy : एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ से पेश की गई नई नीति का लक्ष्य महिला समूह, उद्यमियों, उनके व्यापार और स्टार्टअप का तेजी से विकास करना है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत राज्य की महिलाओं को विनिर्माण उद्यम स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये तक, सेवा उद्यमों के लिए 25 लाख रुपये तक और व्यावसायिक उद्यमों के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन देने का प्रावधान किया गया है।
State women entrepreneurship policy : अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विनिर्माण एवं सेवा उद्यम स्थापित करने के लिए भी उन्हें आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उद्यमियों को नई इकाई में उत्पादन शुरू होने की तारीख से छह से 16 साल के लिए शुद्ध रूप से राज्य माल एवं सेवा कर का भुगतान किया जाएगा। इसी तरह, महिला उद्यमियों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं में परियोजना के चालू होने की तारीख से छह से 12 साल के लिए बिजली शुल्क में छूट भी शामिल है।