रायपुरः छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की गहमागहमी अब खत्म हो गई है। चुनाव भले छोटा था लेकिन इसमें दोनों ही पार्टियों की बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी थी। अपनी-अपनी पार्टी के लिए बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकते नजर आए।
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71 फीसदी से ज्यादा वोटिंग के साथ EVM में प्रत्याशियों की किस्मत कैद हो चुकी है। अब 16 अप्रैल का इंतजार है। लेकिन सवाल ये कि आखिर खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर इतनी चर्चा क्यों रही? क्या खैरागढ़ के नतीजे प्रदेश की राजनीति को कोई दिशा देगा? सवाल ये भी कि खैरागढ़ का जनादेश क्या 2023 विधानसभा चुनाव के लिए संदेश होगा?