चेहरे का बहाना…रमन पर निशाना! बार-बार रमन सिंह को टारगेट क्यों कर रहे हैं मुख्यमंत्री?

बार-बार रमन सिंह को टारगेट क्यों कर रहे हैं मुख्यमंत्री?! Why is the CM Bhupesh Baghel repeatedly targeting Raman Singh?

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  • Publish Date - September 20, 2021 / 10:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

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रायपुरः छत्तीसगढ़ में भले 2023 में विधानसभा चुनाव होने है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चुनावी चेहरे और टिकट को लेकर अभी से बयानबाजी शुरू हो गई है। ताजा बयान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी में सबका टिकट कटने वाला है और रमन सिंह की टिकट भी खतरे में है। अब सवाल ये है कि सीएम के इस बयान का आधार क्या है। क्या वाकई बीजेपी में ऐसी कोई सुगबुगाहट है कि हाईकमान लोकसभा के तर्ज पर सभी सीटिंग विधायकों की टिकट काटकर नए चेहरों को मौका देने जा रही है। सवाल ये भी कि मुख्यमंत्री बार-बार रमन सिंह को टारगेट क्यों कर रहे हैं?

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छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद सत्ता से बेदखल हुई बीजेपी एक बार फिर अपनी सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है। बीजेपी नेताओँ को एकजुटता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। जीत के लिए चिंतन-मंथन हो रहे हैं। चुनाव से पहले चेहरा कोई मुद्दा नहीं बने। इसलिए प्रदेश प्रभारी डी पुरेंदश्वरी पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी चेहरा नहीं विकास के मुद्दे पर लड़ेगी, लेकिन बीजेपी नेता रह रह कर चुनावी चेहरे पर बयानबाजी करते रहे हैं।

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एक बार फिर बीजेपी के सभी 14 सीटिंग विधायकों की टिकट काटे जाने की खबरें जोरों पर है। दरअसल, पिछले कुछ समय में बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व देश में केवल मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़कर नए चेहरों को सरकार की जिम्मेदारी दे रही है। इसके कई उदाहरण हाल के कुछ महीनों में कई राज्यों में देखने को मिले है। जहां मुख्यमंत्री से इस्तीफा दिलाकर पूरी केबिनेट चेंज कर दी गई। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की 10 सीटिंग सांसदों की टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला था।

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रायपुर से 7 बार के सांसद रहे रमेश बैस और रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की भी टिकट काटी गई थी। नतीजा ये रहा कि कांग्रेस की 68 विधायक होने के बावजूद बीजेपी के 9 सांसद निर्वाचित हुए। ऐसी चर्चा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ये प्रयोग एक बार फिर कर सकती है। लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कहने लगे है कि बीजेपी में सबकी टिकट कटने वाली है। रमन सिंह पहले अपने बेटे की टिकट नहीं बचा पाए अब उनकी टिकट भी खतरे में है। सीएम के बयान पर बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार किया कि उनको बीजेपी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। 70 विधायकों वाली सरकार संकट में है, कांग्रेस पहले अपना घर संभाले।

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जाहिर है सत्ता गंवाने के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी के कई धड़ों में बिखरने की खबरें आती रहती है। वहीं बीजेपी में कोई एक चेहरा नहीं है, जिसे पार्टी के अंदर ही सर्वमान्य स्वीकार किया जाए। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि बीजेपी हाईकमान आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव में 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटिंग सांसदों की टिकट काटने वाला दांव खेल सकती है। पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी बोल चुकी हैं कि अगर कहीं चूक है तो उसे ठीक करना ही है। संगठन को मजबूत करने के लिए कुछ-कुछ अंतराल पर लगातार बैठक भी की जा रही है। पर क्या बीजेपी ये दांव कारगर होगा या फिर उसे जोखिम में डालेगा। ये वो सवाल है, जिसके जवाब तलाशने पार्टी के रणनीतिकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं।

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