खैरागढ़ में भगवा पर आर-पार! वोटिंग से ऐन पहले विकास के मुद्दों के साथ भगवा ध्वज का मुद्दा क्यों हो रहा हावी?

विकास के मुद्दों के साथ भगवा ध्वज का मुद्दा क्यों हो रहा हावी? Why is the Bhagwa flag dominating development issues just before voting?

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  • Publish Date - April 9, 2022 / 10:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

रिपोर्ट-सौरभ सिंह परिहार, रायपुर:Khairagarh and Bhagwa  कहते हैं, जो भी अपने आखिरी समय में राम का नाम भज लेता है, वो वैतरणी पार कर जाता है। शायद यही वजह है कि रामनवमी के एक दिन पहले खैरागढ़ के रण में भगवा पर जमकर सियासी बयानबाजी हुई। खैरागढ़ उपचुनाव में चुनाव प्रचार आखिरी चरण में है। मतदान के लिए कुछ घंटे बचे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में धुआंधार रैली करने वाले सीएम ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस के झंडे में भी भगवा है, जिस पर बीजेपी ने जवाबी पलटवार किया। अब सवाल है कि वोटिंग के ऐन पहले खैरागढ़ में विकास के मुद्दों के साथ भगवा ध्वज का मुद्दा क्यों हो रहा है हावी?

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flag dominating on development  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संभवत कांग्रेस के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने दमदारी से कांग्रेस के झंडे को भगवा झंडे से जोड़ा। इससे पहले भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भगवा ध्वज पर भाजपा के एकाधिकार को लेकर बयान दे चुके हैं और यह बात भी सही है कि कांग्रेस का झंडा तिरंगे के समान है, जिसके ऊपर कह सकते हैं कि भगवा या केसरिया रंग दिखाई देता है। लेकिन अभी खैरागढ़ में इस बयान के काफी मायने हैं।

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दरअसल भाजपा पिछले दिनों खैरागढ़ विधानसभा के छुईखदान में भगवा ध्वज को हटाने का आरोप कांग्रेस पर लगाया और यह बात केवल छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता ही नहीं बल्कि स्टार प्रचारक सीएम शिवराज सिंह, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी कहा। खैरागढ़ के प्रमुख क्षेत्रों में छुई खदान है, जहां के 70 से ज्यादा गांवों में 2018 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा बढ़त पर रही। ऐसे में भाजपा नेताओं को लगता है की यह बढ़त इस बार भी बरकरार रहे इसलिए इस मुद्दे को चुनावी सभाओं से लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत कर बार बार सामने लाया जाए, ताकि इसका फायदा छुईखदान क्षेत्र के मूल रहवासी और भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को मिले। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहीं ना कहीं छत्तीसगढ़ में राम को लेकर जो काम किया है वह भाजपा सरकार से कहीं ज्यादा है इसलिए वे कहते हैं कि बीजेपी के झंडे में सफेद नहीं है इसलिए अशांति फैला रहे हैं।

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खैरागढ़ विधानसभा कि छुई खदान से लगे कवर्धा में पिछले दिनों भगवा ध्वज को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद से इस विधानसभा के आसपास के क्षेत्रों में भाजपा कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त माहौल तैयार कर रही है। कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने यूपी में जो राम को लाए हैं उनको हम लाएंगे और खैरागढ़ में भगवा ध्वज लहराएंगे इस गाने के गायक के साथ ट्वीट भी किया था। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि जिस तरह लाल रंग को देखकर सांड घबराते हैं उसी तरह भगवा ध्वज को देखकर कांग्रेस घबराती है। उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी रंग का विरोध नहीं किया। लेकिन कांग्रेस भगवा का विरोध जरूर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर कांग्रेस की हार की डर से छुई खदान में भगवा ध्वज को उतारा गया।

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उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में जीत के बाद भाजपा काफी उत्साहित है भाजपा नेताओं को लगता है कि राम और भगवा के सहारे सरकार बनाई जा सकती है। इतना ही नहीं अब भाजपा शासित राज्य उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा भी बुलडोजर की बात कहने लगी है। लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति थोड़ी उलट है। कारण यहां कांग्रेस की सरकार राम वन गमन और राम मंडली जैसे आयोजन कर रही है। ऐसे में भाजपा के इन आरोपों को जनता कितनी सही मानती है यह 16 अप्रैल को खैरागढ़ के उपचुनाव परिणाम से तय हो जाएगा।

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