पलायनवादी कौन? मानसून सत्र से पहले पक्ष-विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी

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  • Publish Date - July 24, 2021 / 11:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले की सदन में चर्चा शुरू हो बीजेपी विधायकों की गतिविधि पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने निशाना साधते हुए कहा है कि वो पलायनवादी रुख ना अपनाएं। जिसपर बीजेपी ने कहा कि भूपेश सरकार पलायनवादी है, वो सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देने से भागती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर पलायनवादी है कौन?

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रिमझिम बारिश के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र दस्तक दे रहा है, सोमवार से जोर-शोर के साथ नए सत्र की शुरुआत होगी। 5 दिन तक चलने वाले सत्र के लिए कुल 717 सवाल लगे हैं। प्रमुख विपक्ष बीजेपी विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए तगड़ी तैयारी का दावा कर रही है। पार्टी ने सरकार से जवाबतलब करने कई बड़े मुद्दों की लिस्ट बनाई है। बीजेपी के पास कोविड काल में अव्यवस्था, आदिवासियों की नाराजगी, धान संग्रहण केंद्रों में बर्बादी, खाद बीज की कमी, राज्य में बढ़ते अपराध, धर्मांतरण और विकास कार्यों से जुड़े अनेक मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर सरकार को घेरने बीजेपी ने विषय विशेषज्ञ पार्टी के विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने बीजेपी विधायकों को पलायनवादी बता दिया है।

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संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे का बयान इसलिए आया क्योंकि बजट सत्र में कार्यवाही के दौरान बीजेपी के विधायक कई बार सदन से कुछ समय या पूरे दिन के लिए वॉकआउट किए। इस दौरान विभागीय बजट पर चर्चा नहीं हो पाई और सरकार को बिना चर्चा के बजट पारित करना पड़ा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और रमन सिंह के ना चाहते हुए भी कुछ वरिष्ठ विधायकों ने वॉकआउट किया था, बाद में इसे लेकर प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी नाराज भी हुई थी और सदन में ही रहकर सरकार को घेरने के निर्देश दिए थे। इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही रविंद्र चौबे ने कहा कि बीजेपी विधायक पलायनवादी रुख ना अपनाएं, जिसपर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि हमारी पार्टी की चिंता रविंद्र चौबे जी को करने की जरूरत नहीं। वो पहले दिल्ली जाकर कांग्रेस सांसदों से पूछे कि वो चर्चा से क्यों भाग रहे?

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दरअसल 15 साल सत्ता में रहकर 14 सीटों पर सिमटी भारतीय जनता पार्टी आज मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है। इस भूमिका को निभाने के लिए बीजेपी विधायकों में एकजुटता जरूरी है, ताकि उनके सवालों का जवाब राज्य सरकार जिम्मेदारी से दें। हालांकि बीजेपी का दावा है, कि सरकार को घेरने के लिए उसके पास मुद्दों की कमी नहीं है। इस पर सरकार भी आत्मविश्वास के साथ ये कह रही है कि विपक्ष के हर सवाल का माकूल जवाब दिया जाएगा।

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