रायपुरः Union Minister Giriraj Singh termed Godse जैसे जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है। देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सियासत भी गरमा रही है। चुनावी संग्राम में सत्ता के किले तक पहुंच बनाने के लिए बयानों के तीर…विवादों से भी गुरेज नहीं कर रहे। ऐसा ही एक विवादित बयान गोडसे को लेकर आया, जो कि फडणवीस और ओवैसी की टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिया। गिरिराज ने गोडसे को भारत का सपूत क्या करार दिया, उन पर विरोधियों के हमले तेज हो गए तो आखिर गिरिराज सिंह ने गोडसे को भारत का सपूत क्यों कहा?
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Union Minister Giriraj Singh termed Godse देश में औरंगजेब और गोडसे को लेकर बयानबाजी ने सियासत गरमा दी है। इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फणडवीस की टिप्पणी के साथ हुई। अपने एक बयान में उन्होंने “औरंगज़ेब की औलाद” जैसे शब्द का इस्तेमाल किया। इस पर ओवैसी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फणडवीस औरंगजेब की औलाद कहते हैं, तो ऐसे में गोडसे की औलाद कौन है। इन प्रतिक्रियाओं पर छत्तीसगढ़ दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के विवादित बयान ने सियासी उबाल ला दिया। गिरिराज ने कहा कि गांधी के हत्यारे गोडसे भारत के सपूत हैं। औरंगजेब और बाबर की तरह वो आक्रांता नहीं थे।
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मौसम चुनावी है। तेवर सख्त हैं तो गिरिराज सिंह का विवादित बयान आते ही कांग्रेस की तरफ से पलटवार की बाढ़ आ गई। ऐसा नहीं है कि गोडसे पर पहली बार सियासत गरमाई हो। बयानबाजी कई बार सियासी बवाल बढ़ाती रही है। अब जब 2023 और 24 चुनावी साल हैं तो बयानों की तपिश अलग रंग में ही दिख रही है। ऐसे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देश का सपूत बताने पर लाजमी है कि सवाल उठेंगे ही।