Tribal society gave 15 days ultimatum to the state government: जगदलपुर। बस्तर और सरगुजा संभाग में एसटी एससी और ओबीसी वर्ग को स्थानीय भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने की मांग करते हुए शनिवार को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा स्थानीय सांसद और विधायकों के निवास का घेराव किया गया। जगदलपुर स्थित विधायक रेख चंद जैन, लखेश्वर बघेल सांसद दीपक बैज के कार्यालय का घेराव सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने किया ।
स्थानीय भर्ती में एसटी एससी और ओबीसी वर्ग को प्राथमिकता दिए जाने की मांग के साथ ही सर्व आदिवासी समाज ने पेशा कानून में बदलाव करने आदिवासियों की जमीन को लीज में लेने से संबंधित कानून में बदलाव करने की मांग प्रमुख रूप से की है। अपनी मांगों को लेकर आदिवासी समुदाय ने राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है, मांगे पूरी नहीं होने पर आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान सर्व आदिवासी समाज के द्वारा किया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोगों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग को कोर्ट से गहरा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मामले को खारिज कर दिया था। सर्व आदिवासी समाज ने स्थानीय पदों पर आदिवासियों को प्राथमिकता देने की मांग के साथ परिवाद दायर किया था लेकिन यह मामला खारिज हो गया था। अब फिर एक बार समाज के प्रतिनिधि युवाओं के साथ सड़कों पर उतर आए हैं और स्थानीय भर्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
दरअसल आरक्षण से जुड़े विवाद के चलते कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का काम भी बंद पड़ा है जिसे स्थानीय लोगों की भर्ती की संभावनाओं पर विराम लग गया है। सरगुजा और बस्तर में स्थानीय आदिवासियों को भर्ती में प्राथमिकता मिल सके इसके लिए आदिवासी समाज आंदोलन कर रहा है। समाज का आरोप है कि राज्य सरकार जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरत रही है। आरक्षण विवाद को लेकर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के मुद्दे के साथ सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग सुप्रीम कोर्ट तक गया था, लेकिन यह मामला वहां खारिज हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय भर्ती के रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में इसका राजनीतिक समाधान तलाशने आदिवासी समाज फिर सड़कों पर उतर आया है।