‘55 सालों तक आदिवासियों की सुध नहीं ली अब श्रेय लेने चले हैं,’ आदिवासी नेताओं ने साधा कांग्रेस पर निशाना

भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व राज्य सदस्य नन्द कुमार साय ने कहा कि अभी भी 3 और 4 जनजाति और है जिन्हें भी शामिल किया जाना है । हम इसके लिए भी लगातार प्रयास करेंगे।

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  • Publish Date - September 15, 2022 / 04:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

tribal leader Nandkumar Sai targeted Congress: रायपुर। आदिवासी भाजपा नेता नंद कुमार साय ने आज कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया। वहीं केंद्र की ओर से 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के फैसले को भाजपा ने ऐतिहासिक फैसला बताया है । भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व राज्य सदस्य नन्द कुमार साय ने कहा कि अभी भी 3 और 4 जनजाति और है जिन्हें भी शामिल किया जाना है । हम इसके लिए भी लगातार प्रयास करेंगे।

एक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने भी बार इसको लेकर कई बार प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था । जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस कह रही है कि रमन सरकार ने 15 साल में इसकी अनुसंशा क्यों नहीं कि इस उन्होंने पर कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में क्यों नहीं किया ये बताएं? प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री का धन्यवाद जिन्होंने कि 12 जनजातीय समूहों को अनुसूचित जनजाति की मान्यता दी ।

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tribal leader Nandkumar Sai targeted Congress: उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में 55 साल पंच से लेकर पार्लियामेंट तक देशभर में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन इन्हें हक नहीं दिया गया और आज श्रेय लेने की कोशिश कांग्रेस कर रही है । प्रदेश सरकार अपनी वाहवाही कर रही है । आज सरकार कह रही हमने चिट्ठी लिखी थी, लेकिन जब सरकार से केंद्र ने जनजातीय को लेकर जानकारी मांगी थी तब नहीं दी गई । जब केंद्र में माँ-बेटे की मनमोहन सिंह सरकार चल रही थी तब हमारी प्रदेश की बीजेपी सरकार की ओर से हम सब मांग कर रहे थे लेकिन तब कोशिश क्यों नहीं हुई ये भी कांग्रेस को और मुख्यमंत्री को देना चाहिए? तब कितनी चिट्ठी लिखी थी ये भी जनता को बताना चाहिए ।

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नंदकुमार साय ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ वोट बैंक के लिए आदिवासियों का इस्तेमाल किया है । पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जनजातीय समाज में इन्हें जोड़ने की मांग की थी । कई अन्य बीजेपी नेताओं ने भी इनका पक्ष रखा कांग्रेस आदिवासियों की शुभचिंतक रहती तो उनका वोट राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रोपदी मुर्मू को जाता पेसा कानून के नियमों को प्रदेश सरकार ने बदल दिया । 112 बिंदुओं पर आदिवासी समाज ने सरकार से संसोधन की मांग की है। 2023 और 2024 में अपने वोटों से आदिवासी समाज अपने अपमान का बदला कांग्रेस से लेगी।