अंबिकापुर। No Shadow Day तूं जहां-जहां चलेगा, वहां साथ साथ मेरा साया होगा। ये गीत तो आपने सुना ही होगा। इसका मतलब है कि इंसान जहां भी जाता है उसका परछाई उसके साथ ही जाता है, लेकिन जब इंसान का बूरा वक्त आता है तो परछाई भी साथ छोड़ देती है। यानी आज करीब 12 बजे कर्क रेखा वाले स्थान पर परछाई बननी बंद हो जाती है। यानी आज करीब 12 बजे आपकी परछाई गायब हो जाएगी। जिसके नो शैडो कहा जाता है।
No Shadow Day दरअसल, आज भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकेगा, जो सरगुजा संभाग से होकर गुजरेगी। यानी आज संभाग में नो शैडो डे का असर दिखेगा।
वैज्ञानिक जानकारों के अनुसार, उत्तरी गोलार्ध में साल का एक दिन ऐसा होता है। जब इंसान को उसकी परछाई नहीं दिखती है। यह घटना निश्चित समय और निश्चित स्थान पर ही घटती है, जिसे नो शैडो डे या जीरो शैडो डे और ग्रीष्म संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है।