जशपुर (छत्तीसगढ़), 10 नवंबर (भाषा) केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर में 10,000 से अधिक ‘माय भारत’ युवा स्वयंसेवकों के साथ पदयात्रा करेंगे। बिरसा मुंडा की विरासत और आदिवासी समुदायों तथा राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद करने के लिए यह पदयात्रा की जाएगी।
इस पदयात्रा के आयोजन का उद्देश्य जनजातीय विरासत का स्मरण करना, समावेश को बढ़ावा देना और जनजातीय समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाना है।
स्वयंसेवक इस अवसर पर आदिवासी संस्कृति, विरासत और परम्परा की रक्षा एवं संरक्षण की भावना को बढ़ावा देंगे।
बिरसा मुंडा एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 19वीं सदी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में शुरू हुए आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वे देश के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘ पदयात्रा (पैदल मार्च) कोमोडो गांव से शुरू होगी और सात किलोमीटर की दूरी तय करते हुए यहां रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी। यह पैदल मार्च युवाओं, आदिवासी नेताओं और समुदाय के सदस्यों को आदिवासी विरासत और भावना का जीवंत उत्सव मनाते हुए एकजुट करेगा।’’
मांडविया के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस पदयात्रा में शामिल होंगे।
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