Heart Attack झेल चुके मरीजों के लिए वरदान है ये घड़ी जैसा उपकरण, इन समस्याओं से मिलेगा निजात

This watch-like device is a good for heart attack suffered patients : Heart Attack झेल चुके मरीजों के लिए वरदान है ये घड़ी जैसा उपकरण, इन समस्याओं से मिलेगा निजात

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  • Publish Date - December 24, 2022 / 11:51 AM IST,
    Updated On - December 24, 2022 / 11:51 AM IST

रायपुर। device for heart attack suffered patients : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने प्रदेश का नाम रौशन किया है। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने चार प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक अनोखी घड़ी का निर्माण किया है। इस घड़ी की खासियत ये है कि ये ल का दौरा झेल चुके मरीजों में ट्रोपोनिन स्तर का विश्लेषण करने में मदद करेगी, जिससे आवश्यक रक्त परीक्षण अतीत की बात हो जाएगी।

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बता दें ट्रोपोनिन का बहुत अधिक स्तर इस बात का संकेत है कि दिल का दौरा पड़ा है। दिल के दौरे के प्रभावी निदान के लिए यह ईसीजी की तरह मूल्यवान जानकारी होती है। ऐसे में ये के बेहद कारगर शोध साबित होता है। चार हृदय रोग विशेषज्ञों डॉ. शांतनु सेनगुप्ता, डॉ. महेश फुलवानी, डॉ. अज़ीज़ खान और नागपुर के डॉ. हर्षवर्धन मर्डीकर और रायपुर के डॉ. स्मित श्रीवास्तव द्वारा सैकड़ों रोगियों पर परीक्षण किए गए। आपको बता दें कि इन डॉक्टरों को मार्च 2023 से पहले अपने निष्कर्ष साझा करने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे सभी परिणामों को लेकर आश्वस्त थे। आपको बता दें कि अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (ACC) ने इन प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों के इस शोध परीक्षण को स्वीकार कर लिया है। डॉक्टर अब मार्च 2023 में न्यू ऑरलियन्स, यूएसए में एसीसी वैज्ञानिक सत्र में ‘लेट-ब्रेकिंग ट्रायल’ के रूप में अपना पेपर पेश करेंगे।

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शोध के प्रमुख लेखक डॉ. शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि उन्नत तकनीक के साथ, हम पहले से ही हमारी कलाई घड़ियों पर ब्लड प्रेशर, एसपीओ2 और बीपीएम प्राप्त कर रहे हैं। वैसे तो आजकल, कलाई में पहने जाने वाले उपकरण से भी ECG प्राप्त करना बहुत सामान्य बात है। जल्द ही, कलाई घड़ी जैसी डिवाइस ट्रोपोनिन-I के रक्तहीन ट्रांसडर्मल माप का संचालन करेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दावा किया कि यह पहली बार है कि किसी भारतीय कार्य को एसीसी ने स्वीकार किया है।

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device for heart attack suffered patients : इसके साथ ही शोध के प्रमुख लेखक डॉ. शांतनु सेनगुप्ता ने बताया कि दुनिया भर से प्राप्त 15,000 पत्रों में से चुनी गई 6 प्रविष्टियों में से हमारा एक है। यह मध्य भारत के लिए गर्व और सम्मान की बात है और कार्डियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार जीतने से कम नहीं है। इस मामले में डॉ स्मित श्रीवास्तव ने कहा कि कलाई में पहना जाने वाला उपकरण ट्रोपोनिन स्तर का विश्लेषण करेगा, न केवल रक्त परीक्षण के लिए लगने वाले समय और प्रयास को बचाएगा, बल्कि जान बचाने की क्षमता भी रखता है।

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दिल के दौरे से बचने के लिए देखें –

  • रक्त में ट्रोपोनिन का उच्च स्तर हाल ही में दिल का दौरा पड़ने का संकेत देता है
  • वर्तमान में केवल रक्त परीक्षण ही ट्रोपोनिन की जांच कर सकता है
  • ट्रोपोनिन स्तरों को ट्रैक करने के लिए कलाई घड़ी जैसी डिवाइस का परीक्षण किया गया
  • डिवाइस त्वचा के माध्यम से ट्रोपोनिन-I के इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपिक डिटेक्शन पर निर्भर करता है
  • खून निकालने और लैब टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है

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