CG ki baat: रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बजने वाला है…लेकिन उससे पहले ही बयानों के तीखे तीर चलने शुरू हो गए हैं… 15 सालों तक सत्ता में रहने वाली भाजपा सत्ता में फिर से वापसी के लिए बाहर से नेताओं की फौज बुला रही है… उस पर कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए बयानों के ताबड़तोड़ तीर बरसा दिए… आज चर्चा इसी चुनावी समर दिग्गजों के जमघट और उसपर हो रहे जुबानी वार-पलटवार की…
छत्तीगसढ़ में विधानसभा चुनाव सिर पर है. पखवाड़े भर के भीतर कभी भी आचार संहिता की घोषणा हो सकती है. लेकिन चुनाव की आधिकारिक घोषणा के पहले ही चुनावी पारा गरम है… तैयारियां जोरों पर हैं, दावों को लेकर बयानों के तीर चल रहे हैं… 15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है… खबर है कि भाजपा देशभर से 200 से ज्यादा बड़े नेताओं की फौज उतारने जा रही है… ये लोग हर संभाग, जिला और विधानसभा स्तर पर चुनावी कमान संभालेंगे, और इनकी रिपोर्टिंग सीधे दिल्ली को होगी… लेकिन भाजपा के इस भारी भरकम तैयारी पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया है… हालांकि कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया पर भाजपा नेता भी जमकर हमलावर हैं… प्रदेश प्रभारी ने सीधे मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया, और कहा कि उनके आने के पहले दिन से ही उन्हें भय पैदा हो गया है…
ओम माथुर के बाद सह प्रभारी नीतिन नबीन ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के बाहर के नेता छत्तीसगढ़ आना ही नहीं चाहते, क्योंकि कोई यहां कुकर्म को अपने माथे पर लेना नहीं चाहता।
बहरहाल ये जंग जुबानी है.. और कहने की जरुरत नहीं कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, बयानों के ये तीर कहीं ज्यादा तीखे और गहरे होते जाएंगे… क्योंकि सवाल सत्ता का है, उस सत्ता का जो राजनीतिक दलों के संजीवनी सी है, और नेताओं के लिए वजूद, वर्चस्व का आधार. और चुनाव भी कोई जंग से कम तो नहीं होता.
राजेश राज, आईबीसी 24, रायपुर