रायपुर: शराबबंदी का वादा और अधूरा स्काईवॉक सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। इसके लिए सरकार ने कमेटी भी बनाई है, लेकिन कमेटी की कई बैठकों के बाद भी इन पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
विपक्ष का कहना सरकार में इच्छाशक्ति नहीं हो और वो टाइम पास कर जनता को गुमराह कर रही है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि सरकार की शराबबंदी की नीयत ही नहीं है। इसी तरह स्काईवॉक का विरोध करने वाली सरकार 3 साल में भी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है।
दोनों मुद्दों पर सरकार की कमेटी के प्रमुख सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि हमने शराबबंदी के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन बीजेपी का कोई भी प्रतिनिधि बैठक में अब तक शामिल नहीं हुआ है । हम हड़बड़ी में शराबबंदी को लेकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहते हैं। स्काईवॉक के संबंध में उन्होंने कहा कि जिस तरह से इसमें अब तक 60 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं इसको देखते हुए इसे तोड़ने की बजाए बनाकर इसका और किस तरह से उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है ।
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