भोपाल/रायपुर: Pain of Kashmiri pandits 1990 के कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के दर्द को बयां करती फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर सियासी बोल जारी है। करीब एक हफ्ते पहले पर्दे पर आई डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने कश्मीर के उन पंडितो का दर्द बयां किया है जिन्हें रातो-रात अपना घर और अपनी संपत्ति छोड़कर अपने ही देश मे शरणार्थी बनना पड़ा था। रिलीज होते ही फिल्म की कहानी ने सियासी भूचाल ला दिया है। एक पक्ष है जो कश्मीरी पंडितों के हालात के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो दूसरा पक्ष फिल्म को ही आधा सच बता रहा है।
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Pain of Kashmiri pandits फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर देश में हर तरफ बवाल मचा हुआ है। फिल्म की कहानी कश्मीरी पंडितों के दर्द की कहानी कश्मीर में 90 के दशक में हुए आतंक और नरसंहार की है। लेकिन परदे के बाहर फिल्म की कहानी पर सियासी संग्राम मचा है। दरअसल मुद्दा कश्मीरी पंडितों से जुड़ा है, जिसे बीजेपी लगातार उठाती रही है। मुद्दा कश्मीर से हिंदुओं के पलायन का है। लिहाजा फिल्म के बहाने बीजेपी एक बार फिर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगा रही है। फिल्म को लेकर मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सियासत भी अछूती नहीं है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी मंत्रिमंडल के साथ फिल्म देखी।
जाहिर है मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। बीजेपी और संघ सिनेमा हॉल बुक कराकर प्रमोशन में लगे हैं और विरोध करने वाले कांग्रेस नेताओं को भी फिल्म देखने आमंत्रण भेजा जा रहा है है। कश्मीर और कश्मीरी पंडितों से जुड़े इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया भी जंग छिड़ चुकी है। इस बीच गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जम्मू में कश्मीर फाइल्स देखी तो सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर में फिल्म देखने के बाद कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।फिल्म के बहाने बीजेपी पर ध्रुवीकरण कर समाज को बांटने के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी जवाबी हमला किया।
एमपी में बीजेपी के बाद अब कांग्रेस नेता और विधायक भी फिल्म कश्मीर फाइल्स देखेंगे। विधायक पीसी शर्मा ने 21 मार्च के लिये 50 सीट बुक करवाई है। इधर छत्तीसगढ़ बीजेपी भी लगातार प्रदेश में टैक्स फ्री करने का मांग कर रही है। बीजेपी नेताओं ने टैक्स फ्री का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया। बीजेपी की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र सरकार पूरे देश में इस फिल्म पर छूट दें। इस बीच कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर पर भी फिल्म बनाने और बस्तर की सच्चाई को सबके सामने लाने की मांग की है। लखमा ने कहा कि आजाद हिंदुस्तान में 300 घर एक साथ कभी नही जलाए गए।
बहरहाल कश्मीर फाइल्स परदे पर तो दम दिखा ही रही है देश और प्रदेश की सियासत को भी ये फिल्म खूब रास आ रही है। बीजेपी फिल्म के बहाने कश्मीर में पंडितों के साथ हुए अत्याचार को मुददा बनाकर खुद को राष्ट्रवाद का प्रतीक बनाकर कोई कर कसर नहीं छोड़ रही तो कांग्रेस फिल्म को आधा सच बताकर बीजेपी पर अपना एजेंडा चलाने का आरोप लगा रही। यानी कश्मीरी पंडितों के दर्द पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सियासत बेहिसाब है।