राय़पुरः प्रदेश में इस महीने 15 निकायों में नगर सरकार चुनने के लिए चुनाव है। वार्डों में अपने प्रत्याशी फायनल करने के साथ-साथ अब दलों का पूरा फोकस चुनावी घोषणा पत्र पर है। साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों और गांव-गरीब और महिलाओँ को लेकर किए वायदों के आधार पर बड़ी बढत हासिल की और प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी। अब एक बार फिर निकायवार घोषणा पत्र तैयारी में जुटी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस का घोषणा पत्र लोकलुभावन होगा। जबकि भाजपा का फोकस उन मुद्दों पर रह सकता है जिनसे प्रदेश सरकार की खामियों को टार्गेट किया जा सके साथ ही भाजपा को जीत दिला सके।
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प्रदेश में 15 निकायों में हो रहे चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा का फोकस अब लोकलुभावन घोषणापत्र तैयार करने पर है। सत्तासीन कांग्रेस ने घोषणा पत्र बनाने के लिए एक समिति बनाई है। जिसमें पांच मंत्री और कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। समिति की बैठकों का दौर भी जारी है। कांग्रेस का फोकस शहरी आबादी है इसके लिए पार्टी। शहरी क्षेत्रों में निवासरत हर वर्ग को लुभाने वाले वादे करने जा रही है। घोषणा पत्र में राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में जारी योजनाओं का विस्तार और हाईटेक स्वरूप का ऐलान हो सकता है। प्रदेश की शहरी आबादी को घर बैठे योजनाओं का लाभ दिलाने वाली कदमों का वायदा होगा। मूलभूत समस्या पानी, साफ-सफाई और PDS दुकान की व्यवस्था को लेकर घोषणा हो सकती है। निकायों में युवाओं के लिए लाइब्रेरी और जिम और स्कूली बच्चों के लिए बेहतर सुविधा वादा भी कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में कर सकती है। कुल मिलाकर शहरी जनता को पार्टी के पक्ष में करने वाली सभी बातें कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल की जा रही हैं।
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इधऱ, भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं की टीम बना दी है। भाजपा का प्रयास है कि सरकार की कमियों को याद दिलाते हुए उन मुद्दों और समस्याओं को टार्गेट करें जो लंबे समय से लंबित हैं।
कुल मिलाकर कांग्रेस और भाजपा ने साल 2023 से पहले हो रहे इन निकाय चुनाव को पूरी गंभीरता से लेते हुए अभी से अपने नेताओं की पूरी टीम लगा दी है। जो जनता को अपने पक्ष में लाने के लिए उनसे जुड़े हर मुद्दे, हर समस्या और योजना पर वायदा करने की तैयारी में है। देखना होगा किसके वायदे जनता को ज्यादा फायदेमंद लगते हैं।