Reported By: Abhishek Soni
,सरगुजा: Patwaris Make 100 Hectares Fake Report छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो चुकी है और शासन प्रशासन की कोशिश यही है कि कहीं भी चूक न बरती जाए। लेकिन सरगुजा राजस्व विभाग ने धान के गिरदावरी में ऐसा कारनामा किया है जिसने प्रशासन के भी होश उड़ा दिए हैं। राजस्व विभाग के जिम्मदारों ने यहां करीब 100 हेक्टर जमीन में कागज में ही धान उगा दिया। जबकि वास्तव में जमीन में कुछ और ही फसलें हैं। आपको जानकर और भी हैरानी होगी कि अगर ये चाल कामयाब हो जाती तो बिचौलिए करीब 29 करोड़ रुपए का धान बेच सकते थे। फिलहाल मामला सामने आने के बाद रकबे को निरस्त करने की बात कही जा रही है।
Patwaris Make 100 Hectares Fake Report दरअसल धान खरीदी के पहले शासन की ओर से पटवारियों को धान के रकबे का गिरदवारी करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ताकि फसल के उत्पादन और खरीदी का रिकॉर्ड अपडेट किया जा सके। लेकिन शासन ने जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी वो ही शासन को चूना लगाने में लग गए। बताया गया कि गिरदावरी तैयार करने वाले महकमे ने घर और दफ्तर में बैठकर ऐसी गिरदावरी रिपोर्ट तैयार की पूरा प्रशासन ही हिल गया।
गिरदावरी में पड़त भूमि यानी रिक्त भूमि, सड़क, पर तो धान की फसल लगना बताया ही साथ ही साथ जहां किसानों ने मक्का, गन्ना, सब्जी के साथ अन्य फसल लगाई थी वहां भी गिरदावरी में धान लगाना बता दिया। रिपोर्ट में करीब 100 हेक्टेयर पड़त भूमि में धान लगाया जाना बताया गया। यानि करीब 4750 एकड़ रकबा ज्यादा दर्ज हो गया।
बता दें कि सरगुजा जिले में इस बार 59 हजार 826 किसान पंजीकृत किये गए हैं, जिसके तहत 79 हजार 316 हेक्टेयर में धान खरीदी की जाएगी। ऐसे में अधिक रकबे दर्ज होने पर जब अलग अलग स्तर पर रकबे की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ कि गिरदावरी में बड़ी गड़बड़ी की गई है। ऐसे में आशंका है कि इसी गड़बड़ी का फायदा उठाकर अवैध धान खपाने वाले लोग करीब 29 करोड़ का धान खपा सकते थे। हालांकि अब मामला संज्ञान में आने के बाद खाद्य विभाग रकबे को निरस्त करने के साथ ही अलग अलग स्तर पर रेंडमली जांच लगातार कराने की बात कह रहा है।