Holi 2025 Special Story | Image Source | IBC24
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सूरजपुर: Holi 2025 Special Story: होली पूरे देश में हिंदू पंचांग के अनुसार 14 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कुछ गांवों में यह पर्व दो दिन पहले ही मना लिया जाता है। यह अनोखी परंपरा बिहारपुर-चांदनी क्षेत्र के महुली, कछवारी, मोहरसोप और बेदमी गांवों में वर्षों से चली आ रही है।
Holi 2025 Special Story: स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, गांववाले अनहोनी और विपत्तियों से बचने के लिए होलिका दहन की तिथि से दो दिन पहले ही होली मनाते हैं। गांव में स्थित गढ़वतिया पहाड़ पर मां अष्टभुजी देवी का प्राचीन मंदिर है जहां श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। मान्यता है कि 1960 के दशक में गांव के लोग होलिका दहन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करते थे लेकिन एक साल होलिका दहन की तिथि से पांच दिन पहले ही लकड़ियों के ढेर में अचानक आग लग गई। इसे देवी मां का संकेत मानते हुए गांववालों ने तय किया कि अब से होली दो दिन पहले ही मनाई जाएगी। तब से यह परंपरा लगातार चली आ रही है।
Holi 2025 Special Story: गांवों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पहले होलिका दहन किया जाता है। रंग-गुलाल के साथ पहले ही दिन से उत्सव की शुरुआत हो जाती है। देवी मां अष्टभुजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। गांव के लोग इस अवसर पर भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि इस परंपरा के चलते उनके गांव में कोई बड़ी विपत्ति नहीं आई और मां अष्टभुजी देवी की कृपा बनी रहती है। इसी कारण हर साल यह अनोखी होली पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है।