सूरजपुर। जिले में कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। पिछले एक हफ्ते में दो दर्जन बच्चों सहित लगभग सौ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, वहीं सरकारी दफ्तर, स्कूल – कालेजों और बाजारों में कहीं भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग पूरी तरह से मुस्तैद होने का दावा कर रहे हैं। सूरजपुर में पिछले एक सप्ताह में कोरोना पॉजिटिव की मरीजों की संख्या लगभग शतक लगाने वाला है, लेकिन बाजारों, स्कूल – कॉलेजों और दफ्तरों की स्थिति देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लगता है कि जिले में तेजी से यह जानलेवा वायरस फैल रहा है।
सभी संस्थानों में सामान्य दिनों की तरह ही कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है, ना तो कोई मास्क लगा रहा है, ना ही सेनीटाइजर का उपयोग किया जा रहा है और ना ही 2 गज दूरी मेंटेन किया जा रहा है, कुछ दिन पहले ही कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास मैं 17 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, बावजूद इसके आज भी जिले के सभी स्कूल और कॉलेजों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। बाजारों में भी बेहिसाब भीड़ भाड़ देखने को मिल रहा है, जो निश्चित ही कोरोना के इस आंकड़ों को और भयावह करेंगे,, स्थानीय लोग और छात्र जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
जिले के कई स्कूल प्रबंधक भी लापरवाही की बात मान रहे है और अपने शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कर रहे है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अमला आम लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का अपील कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि अगर इन लोगों की लापरवाही की वजह से किसी की जान जाती है तो आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा ? सूरजपुर जिला पहले भी कोविड कहर झेल चुका है। इतने छोटे जिले में 1 दिन में 10 – 10 लोगों की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही समझ से परे है, वहीं आम लोगों को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि इस जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सके।