Sukma Naxalites Surrender News: नक्सलियों में एनकाउंटर का खौफ, किस तरफ़ से आएगी पुलिस, पता नहीं.. 6 माओवादियों ने किया सरेंडर

इस योजना के पहले चरण के तहत बस्तर के 93 गांवों को शामिल किया गया है। यहां सरकार लोगों को मूलभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है जैसे आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि ताकि इन नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सुधार हो सके और शासन-प्रशासन के प्रति उनका विश्वास बढ़े।

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  • Publish Date - January 20, 2025 / 07:22 PM IST,
    Updated On - January 20, 2025 / 07:24 PM IST

Sukma Naxalites Surrender Latest News : सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादी गतिविधियों पर एक और बड़ी सफलता मिली है। जिले में 6 माओवादियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया है। इनमें से एक नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

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नियद नेल्ला नार योजना का असर

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने बताया कि उन्होंने सरकार की ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रेरित होकर यह कदम उठाया। इस योजना का उद्देश्य माओवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें एक नई जिंदगी की ओर बढ़ने का मौका देना है।

पुनर्वास नीति का मिलेगा लाभ

Sukma Naxalites Surrender Latest News : सरकार की ओर से आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी। इस नीति के तहत उन्हें आर्थिक मदद, शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। सरेंडर करने वाले एक इनामी नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस और प्रशासन ने इसे माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया है। सरकार और सुरक्षा बलों का कहना है कि इस तरह के प्रयासों से न केवल माओवादी हिंसा में कमी आएगी, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का माहौल भी बनेगा।

क्या है नियद नेल्लार योजना?

नियद नेल्लानार का मतलब है “आपका अच्छा गांव” या “योर गुड विलेज”। नियद नेल्लानार स्थानीय दंडामी बोली दक्षिण बस्तर में बोली जाने वाली है। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में सुविधाएँ और लाभ प्रदान किए जा रहे है। सरकार ने बस्तर के अंदरुनी नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए कैंप स्थापित किए हैं। हर कैंप के आस-पास के कुल 5 गांवों को चुना गया है और इन गांवों में सरकार की तरफ से लागू किए गए कल्याणकारी और विकास योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है।

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Sukma Naxalites Surrender Latest News : इस योजना के पहले चरण के तहत बस्तर के 93 गांवों को शामिल किया गया है। यहां सरकार लोगों को मूलभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है जैसे आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि ताकि इन नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सुधार हो सके और शासन-प्रशासन के प्रति उनका विश्वास बढ़े। नियद नेल्लानार योजना’ की घोषणा के समय सीएम साय ने जानकारी दी थी कि इस योजना के तहत 20 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कहा कि इस योजना के तहत केन्द्र एवं राज्य से और बजट की आवश्यकता होती है तो राज्य सरकार वह भी उपलब्ध कराएगी।

नियद नेल्लानार योजना क्या है?

यह एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य माओवादी प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाना है।

इस योजना का लाभ किसे मिलता है?

बस्तर क्षेत्र के उन गांवों को जो सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को क्या लाभ मिलता है?

पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक मदद, शिक्षा, और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना और प्रभावित गांवों में शांति और विकास सुनिश्चित करना।

इस योजना का बजट कितना है?

पहले चरण में ₹20 करोड़ का अतिरिक्त बजट प्रावधान किया गया है, जिसे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जाएगा।