Naxalites Surrender in Chhattisgarh : सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस के निरंतर प्रयास और सरकार की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार के चलते 9 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। सरेंडर करने वालों में 4 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं, जिन पर 8-8 लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे। इनमें पीएलजीए बटालियन 1 के सक्रिय दंपति भी शामिल हैं।
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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम और इनाम की जानकारी
- कलमू मंगड़ू (डिप्टी कमांडर, सेक्शन 1 कंपनी) – ₹8 लाख
- माड़वी बुधरी (महिला सदस्य, सेक्शन 2 कंपनी) – ₹8 लाख
- समीर उर्फ मिडियम सुक्का (टीम कमांडर, पीएलजीए बटालियन नंबर 01) – ₹8 लाख
- रजनी उर्फ राजे उर्फ बीड़े माड़वी (महिला सदस्य, बटालियन हेडक्वार्टर प्लाटून सेक्शन ए) – ₹8 लाख
- शांति कवासी (महिला सदस्य, बटालियन नंबर 01) – ₹8 लाख
- मड़कम सोमड़ी (महिला सदस्य, प्लाटून नंबर 08 की पीपीसीएम) – ₹8 लाख
- नुप्पो नरसी (महिला, पामेड़ एलओएस पार्टी सदस्य) – ₹2 लाख
- मड़कम हिड़मे (महिला सदस्य, दक्षिण बस्तर डिवीजन कृषि टीम) – ₹1 लाख
- नुप्पो हुंगी (महिला अध्यक्ष, सुरपनगुड़ा आरपीसी केएएमएस) – ₹1 लाख
नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता
Naxalites Surrender in Chhattisgarh : बस्तर क्षेत्र में 2025 नक्सल उन्मूलन के लिहाज से एक प्रभावी वर्ष साबित हो रहा है। ‘लोन वर्राटू’ अभियान और पुलिस की सख्त रणनीति के चलते हार्डकोर नक्सली आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि जिले में लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस द्वारा नक्सली गतिविधियों के दायरे को सीमित किया जा रहा है और सरकार की पुनर्वास नीति का प्रभावी रूप से प्रचार किया जा रहा है, जिससे नक्सली मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
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Naxalites Surrender in Chhattisgarh : इस अभियान की सफलता से क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।
नक्सली आत्मसमर्पण करने का क्या कारण था?
नक्सलियों के आत्मसमर्पण का मुख्य कारण सरकार की पुनर्वास नीति का प्रचार और पुलिस की सख्त नक्सल उन्मूलन रणनीति है, जो नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही है।
इन नक्सलियों पर कितने इनाम घोषित थे?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर 1 लाख से लेकर 8 लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे। इनमें से कुछ प्रमुख नामों पर ₹8 लाख का इनाम था।
सुकमा जिले में किस प्रकार की सुरक्षा रणनीतियाँ अपनाई जा रही हैं?
सुकमा जिले में पुलिस नक्सलियों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए सख्त सुरक्षा रणनीतियाँ और अभियान चला रही है। इसके अलावा, 'लोन वर्राटू' अभियान जैसी विशेष रणनीतियाँ भी प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं।
नक्सलियों की पुनर्वास नीति क्या है?
नक्सलियों के पुनर्वास नीति के तहत उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा संबंधी सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे शांति के मार्ग पर चल सकें।
सुकमा में और कितने नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं?
आगामी महीनों में और भी नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि पुलिस की रणनीतियाँ और पुनर्वास नीति प्रभावी साबित हो रही हैं।