रायपुर: छत्तीसगढ़ में दमदारी से सरकार चला रही कांग्रेस के भीतर क्या वाकई कोई उथल-पुथल है? यदि नहीं तो दिल्ली में ”छत्तीसगढ़ डोल रहा है…बाबा-बाबा बोल रहा है” के नारे लगाने वाले कौन हैं? क्या दिल्ली में संसद घेराव करने गए युवक कांग्रसियों के बीच इस तरह की नारेबाजी से बीजेपी को मौका मिल गया कि वो तीन चौथाई से बहुमत में आई कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाए। अब सवाल ये भी कि क्या जो दिख रहा है वो सही में एक छोटी से प्रतिक्रिया है? या कोई है जो कांग्रेस में बड़े नेताओं के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहा है?
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गुरुवार को दिल्ली की सड़कों पर टीएस सिंहदेव के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ”छत्तीसगढ़ डोल रहा है, बाबा-बाबा बोल रहा है” नारे लगाए। दरअसल महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र के खिलाफ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता संसद घेराव करने निकले थे, जिसमें छत्तीसगढ़ से गए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल रहे। प्रदर्शन शुरू हुआ तो छत्तीसगढ़ से पहुंचे कार्यकर्ताओं ने टीएस सिंहदेव के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। ये नारेबाजी देर तक चलती रही।
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दरअसल इस वक्त छत्तीसगढ़ में जो सियासी हालात हैं, उसे देखते हुए इस नारेबाजी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है। पर्दे के पीछे का सच क्या है? ये तो वक्त बताएगा, लेकिन टीएस सिंहदेव के समर्थन में हुई इस नारेबाजी से प्रदेश की सियासत जरूर गरमा गई है। विपक्ष को एक बार फिर कांग्रेस सरकार पर तंज कसने का मौका मिल गया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस में सत्ता के लिये संघर्ष दिल्ली में नजर आ रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस इसे सामान्य घटना बताने में जुटी है।
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तमाम सियासी कवायदों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच टीएस सिंहदेव भी दिल्ली में बने हुए हैं। हालांकि अब तक उनकी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। जाहिर है कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। बाद में बृहस्पत सिंह ने अपने बयान के लिए खेद जताया था, लेकिन सरगुजा संभाग के कांग्रेस कार्यकर्ता टीएस सिंहदेव के समर्थन में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।अब सवाल ये है कि दिल्ली की सड़कों पर नारेबाजी करते सिंहदेव समर्थकों के निशाने पर बृहस्पत सिंह थे या फिर टीएस सिंहदेव शक्ति प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं? सवाल ये भी क्या इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल पुथल मचनी तय है?