Chhattisgarh Naxal News: जहां हिड़मा और देवा के लड़ाके लेते थे ट्रेनिंग, अब वहां तक पहुंची फोर्स, कैम्प में बने स्मारक को किया ध्वस्त

Chhattisgarh Naxal News: जहां हिड़मा और देवा के लड़ाके लेते थे ट्रेनिंग, अब वहां तक पहुंची फोर्स, कैम्प में बने स्मारक को किया ध्वस्त

बीजापुर: Chhattisgarh Naxal News प्रदेश में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान जारी है। जवान लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और लगातार सुरक्षाबलों को सफलताएं भी मिल रही है। अब जवान नक्सलियों के गढ़ तक पहुंच रहे हैं। इसी बीच जवान अब छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा पर स्थित माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने भट्टिगुड़ा तक अब फोर्स पहुंच चुकी है और नक्सलियों के एक हाईटेक ट्रेनिंग कैम्प पर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह कैम्प नक्सलियों द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर बनाए गए प्रशिक्षण स्थल के रूप में तैयार किया गया था और नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा की बटालियन और नए लड़ाकों को फाइट करने के गुर सिखाए जाते थे।

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Chhattisgarh Naxal News साथ ही ट्रेनिंग कैम्प में बने स्मारक को भी ध्वस्त कर दिया है। ट्रेनिंग कैम्प में नक्सलियों ने गंगनचुम्बी पेड़ों को भी ट्रेनिंग के लिए तैयार कर रखा था। ट्रेनिंग के लिए बनाए गए थे पक्के बैरक और झोपड़ियों को भी नष्ट कर दिया गया है। कैम्प में कुछ पेड़ों को भी प्रशिक्षण के लिए उपयोग में लाया जा रहा था, जिन्हें विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए तैयार किया गया था।

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आपको बता दें कि यह ट्रेनिंग कैम्प नक्सलियों द्वारा गुप्त रूप से चलाया जा रहा था, और इसके माध्यम से वे अपने संगठन को और अधिक सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे थे। जवानों की इस सफल कार्यवाही से नक्सलियों की योजना को बड़ा झटका लगा है।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि 31 मार्च 2026 तक माओवाद को पूरे दंडकारण से ही नहीं पूरे देश से खत्म कर दिया जाएगा। साल 2024 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो सुरक्षाबलों के जवान पूरी तरह आक्रमक नजर आए और साल 2024 में 24 सालों से सबसे बड़ी सफलता मिली है। हालांकि साल 2025 की शुरुआत में जवानों के लिए काफी दुखदायी थी। लेकिन कुछ दिन बाद जवानों ने एक के बाद एक बड़ी सफलता मिली।

क्या छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान सफल है?

हां, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नक्सलवाद के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और सुरक्षाबलों को लगातार सफलता मिल रही है। हाल ही में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के हाईटेक ट्रेनिंग कैम्प पर कब्जा किया है।

नक्सलियों के ट्रेनिंग कैम्प में क्या विशेषताएँ थीं?

नक्सलियों का ट्रेनिंग कैम्प अत्याधुनिक तकनीकों से लैस था, जिसमें नक्सली कमांडरों और नए लड़ाकों को युद्ध कौशल सिखाए जाते थे। कैम्प में पेड़ों को भी ट्रेनिंग के लिए तैयार किया गया था और पक्के बैरक और झोपड़ियाँ बनाई गई थीं, जिन्हें अब नष्ट कर दिया गया है।

क्या नक्सलियों का यह ट्रेनिंग कैम्प गुप्त रूप से चलाया जा रहा था?

हां, यह ट्रेनिंग कैम्प नक्सलियों द्वारा गुप्त रूप से चलाया जा रहा था, और इसके माध्यम से वे अपने संगठन को और अधिक सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ क्या बयान दिया है?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि 31 मार्च 2026 तक माओवाद को पूरे दंडकारण से नहीं बल्कि पूरे देश से समाप्त कर दिया जाएगा।

सुरक्षाबलों के लिए 2024 और 2025 का साल कैसा रहा?

2024 में सुरक्षाबलों को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली, लेकिन 2025 की शुरुआत सुरक्षाबलों के लिए दुखदायी थी। इसके बाद जवानों ने लगातार एक के बाद एक बड़ी सफलता प्राप्त की।