CG News: छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चे पढ़ेंगे गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों की कहानी, वीर बाल दिवस पर सीएम साय ने की घोषणा

छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चे पढ़ेंगे गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों की कहानी, School children of Chhattisgarh will read the story of the brave Sahibzadas of Guru Govind Singh

CG News: छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चे पढ़ेंगे गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों की कहानी, वीर बाल दिवस पर सीएम साय ने की घोषणा

Chhattisgarh News/ Image Source- CG DPR

Modified Date: December 28, 2024 / 07:39 am IST
Published Date: December 26, 2024 10:14 pm IST

रायपुरः CG News गुरु गोविंद सिंह जी के वीर साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के अमर बलिदान की कहानी अब छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाएगी। वीर साहिबजादों के वीरता की यह कहानी देश के युवाओं को साहस के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वीर बाल दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बड़ी घोषणा की। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह और वीर साहिबजादों का पुण्य स्मरण कर कहा कि हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाना चाहिए और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीर साहिबजादों के जीवनी पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी देखी।

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CG News मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की रक्षा के लिए सिख गुरुओं के त्याग की महान सिख परंपरा की याद दिलाता है। हमें ऐसे महान वीर सपूतों की प्रेरक कहानियां अपने बच्चों और समाज को बतानी चाहिए। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया। साय ने कहा कि भारत की प्रत्येक पीढ़ी गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके साहेबजादों के बलिदान को सदैव याद रखेगी। देश के लिए जीना और देश के लिए जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने की प्रेरणा हमें वीर बाल दिवस से मिलती है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता का भी स्मरण कराता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं। लेकिन गुरुगोविंद सिंह और उनके साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जैसे वीर जिस धरती पर जन्म लेंगे उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि बाबा जोरावार सिंह जी और बाबा फतेह सिंह किसी एक धर्म या पंथ के लिए प्रेरणास्रोत नहीं हैं। वह संपूर्ण भारत के लिए अनुकरणीय हैं। साय ने कहा कि भारत का चरित्र मूल रूप से सामाजिक समरसता का रहा है। हमारे देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। हमने विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया है। यह संकल्प सामाजिक समरसता से ही पूरा होगा।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ तो देशभर में अपनी सामाजिक समरसता, शांति और सौहार्द्र के लिए जाना जाता है। इसकी जड़ों को और गहरा करना होगा। वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रेम शंकर सिदार ने कहा कि भारत एक धर्म प्राण देश है। जब देश मे अन्याय बढ़ता है तो यहां के महापुरुष रक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं। बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी दुनिया के सबसे कम उम्र के बलिदानी हैं। वे मृत्यु के सामने भी धर्म पर अडिग रहे। उन्होंने कहा कि भारत की जीवनी शक्ति इसकी आत्मा है। देश के महापुरुषों से प्रेरणा मिलती है कि हमें देश को संभाल के रखना है। बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी को उनकी माता ने उनके बुजुर्गों के बलिदान की कहानी सुनाई थी। मृत्यु भी जीत है ये सन्देश इन बच्चों ने अपने बलिदान से दिया। सिदार ने कहा कि भारत के घर-घर में इन प्रसंगों की चर्चा होनी चाहिए ताकि हमारी नई पीढ़ी को इनसे प्रेरणा मिले। इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक किरण देव, विधायक सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, पूर्णेन्दु सक्सेना, पवन साय, परमिन्दर सिंह भाटिया, ज्ञानी बाज सिंह जी, भूपेश सवन्नी, सिख समाज के अनुयायी, प्रबुद्ध नागरिकगण और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

ऐसे समझे पूरी खबर

1. वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

वीर बाल दिवस, गुरु गोविंद सिंह जी के साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के अमर बलिदान की याद में मनाया जाता है। यह दिवस बच्चों को साहस, बलिदान और देशभक्ति के मूल्य सिखाने के लिए मनाया जाता है।

2. वीर बाल दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्या है?

वीर बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को गुरु गोविंद सिंह जी और उनके साहेबजादों के बलिदान से प्रेरित करना है, ताकि वे समाज और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में योगदान दे सकें।

3. बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान किस कारण हुआ?

बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। वे अत्यंत कम उम्र में शहीद हो गए, लेकिन मृत्यु के सामने भी अपने धर्म से अडिग रहे।

4. वीर बाल दिवस छत्तीसगढ़ में कैसे मनाया जा रहा है?

छत्तीसगढ़ में वीर बाल दिवस के अवसर पर बौद्धिक संगोष्ठियाँ और एनिमेटेड फिल्म screenings आयोजित की जाती हैं, जिससे बच्चों को साहस और वीरता की प्रेरणा मिल सके। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर वीर साहिबजादों की शहादत को याद किया और उनकी शिक्षाओं को अपनाने की बात की।

5. वीर बाल दिवस किसकी शहादत को याद करता है?

वीर बाल दिवस गुरु गोविंद सिंह जी के साहेबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को याद करता है, जिन्होंने बहुत कम उम्र में अपने प्राणों की आहुति दी।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।