रायपुरः Rhetoric of former CM and current CM भानुप्रतापपुर उपचुनाव होने वाला है, ये उपचुनाव कांग्रेस-बीजेपी के लिए साख का सवाल है, कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पूरी जोर आजमाइश में लगी हैं। इसके साथ ही पूर्व सीएम और मौजूदा सीएम एक दूसरे पर सीधे हमलावर नजर आ रहे हैं, आज सीएम भूपेश बघेल ने डॉ रमन सिंह को सामंत और खुद को किसान बताया।
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Rhetoric of former CM and current CM आप सोच रहे होंगे कि भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर हमला क्यों बोला, चलिए आपको बताते हैं, दरअसल गुरूवार को रमन सिंह ने भानुप्रतापुर में चूहे की एक कहानी के बहाने भूपेश बघेल पर हमला किया था। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि सीएम भूपेश और रमन सिंह आमने-सामने की सियासी जंग लड़ रहे हैं, और इस लड़ाई में राज्य की अस्मिता यानि छत्तीसगढ़ियावाद एक अहम सियासी हथियार है, जिसका इस्तेमाल सीएम भूपेश दिल खोलकर रहे हैं। सीएम भूपेश खुद को छत्तीसगढ़िया संस्कृति का संरक्षक और वाहक साबित करना चाहते हैं। तो वहीं इसके साथ ही रमन सिंह और बीजेपी को छत्तीसगढ़ के महत्व को नजरअंदाज करने वाला सिद्ध करना चाहत हैं। राम, गाय, किसान, गोठान छत्तीसगढ़ महतारी जैसे भावनात्मक मुद्दे सीएम भूपेश बघेल के वो शस्त्र हैं। जिन्हें वो लगातार चला रहे हैं।
वहीं बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वो सीएम भूपेश के राज्य की अस्मिता कार्ड, सॉफ्ट हिन्दुत्व कार्ड का मुकाबला कैसे करें, बीजेपी को एंटी इंकंबेसी का सहारा तो है। लेकिन लगातार 15 साल वो भी सत्ता में रही है। तो उसे भी कुछ ऐसे सवालों से जूझना पड़ता है, जो उसे असहज करते हैं। ऐसे में सवाल सबसे बड़ा ये है कि क्या बीजेपी सीएम भूपेश के तिलिस्म को तोड़ पाएगी। राजनीति पररेप्शन का खेल होता है। जिसमें परफेक्ट रणनीति अपनानी होती है। तो सवाल ये है कि छत्त्तीसगढ़िया बनाम सामंतवाद की बहस में सीएम भूपेश के तर्क के आगे बीजेपी की दलील क्या होगी?