Rajanadgaon Police Bharti irregularities Update : राजनांदगांव: जिले में पुलिस भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के मामले में अब प्रशासन और पुलिस द्वारा कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस प्रकरण में जांच के बाद तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें एक इवेंट के दौरान अंक बढ़ाने का मामला शामिल है। इसके अलावा एक महिला अभ्यर्थी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने अपने अंक बढ़ाने के लिए सिफारिश की थी।
राजनांदगांव पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के मामले ने मीडिया में काफी सुर्खियाँ बटोरी हैं। इस भर्ती परीक्षा को लेकर सामने आए आरोपों के कारण, प्रशासन ने पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी थी। 16 नवंबर को राजनांदगांव शहर के आठवीं बटालियन में विभिन्न जिलों के लिए 630 पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 60,000 से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
जांच में यह सामने आया कि कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से डेटा ऑपरेटरों ने अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए थे। इस गड़बड़ी के कारण डेटा एंट्री में अनियमितताएँ पाई गईं, जिसके बाद राजनांदगांव पुलिस विभाग ने मामला दर्ज कराया। जांच के दौरान, चार पुलिसकर्मी, दो डेटा एंट्री कर्मचारी और एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया और उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
राजनांदगांव के आईजी दीपक कुमार झा ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी विसंगतियाँ सामने आई थीं, जिनकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी गई थी। इसके बावजूद जब भर्ती प्रक्रिया में सुधार के बावजूद समस्याएँ बनी रहीं, तब प्रथम चरण की भर्ती को निरस्त करने का निर्णय लिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, पुलिस आरक्षक भर्ती में लगभग 4,000 अभ्यर्थियों के दक्षता परीक्षा के अंकों में गड़बड़ी पाई गई है। इस गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा। इससे पात्र अभ्यर्थियों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है, जो इस पूरे प्रकरण के कारण प्रभावित हुए हैं।
राजनांदगांव पुलिस भर्ती परीक्षा में यह गड़बड़ियाँ सामने आईं कि कुछ पुलिसकर्मियों और डेटा ऑपरेटरों की मिलीभगत से अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए गए थे, जिसके कारण डेटा एंट्री में अनियमितताएँ पाई गईं।
इस मामले में चार पुलिसकर्मियों, दो डेटा एंट्री कर्मचारियों और एक महिला अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया है।
यह परीक्षा 16 नवंबर को राजनांदगांव शहर के आठवीं बटालियन में आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न जिलों के लिए 630 पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए 60,000 से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
भर्ती परीक्षा में तकनीकी विसंगतियाँ सामने आईं और लगभग 4,000 अभ्यर्थियों के दक्षता परीक्षा के अंकों में गड़बड़ी पाई गई, जिसके कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया गया।
इस गड़बड़ी के कारण पात्र अभ्यर्थियों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है, क्योंकि वे इस पूरे प्रकरण के कारण प्रभावित हुए हैं।