राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार देर रात 2:35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। बताया गया कि वे लगभग 6 माह से डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में रुके हुए थे और पिछले कई दिनों से अस्वस्थ थे जिसके बाद बीते रात 2:35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वहीं आज उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 1 बजे पंचतत्व में विलिन किया जाएगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन मुनि विद्यासागर महाराज के दर्शन किए थे।
विद्यासागर महाराज का नाम जैन संत संप्रदाय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय संतो में शामिल हैं। इनका जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक राज्य के बेलगांव जिले के सदलगा में शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। उनके पिता का नाम मल्लप्पा था, जो बाद में मुनि मल्लिसागर बने। उनकी माता का नाम श्रीमंती था, जो बाद में आर्यिका समयमति बन गई थी। 22 नवम्बर 1972 में ज्ञानसागर को आचार्य का पद दिया गया था। उनके भाई महावीर, अनंतनाथ और शांतिनाथ ने आचार्य विद्यासागर से दीक्षा ग्रहण की और मुनि योग सागर और मुनि समय सागर, मुनि उत्कृष्ट सागर कहलाए। बालयकाल से ही धार्मिक झुकाव रखने वाले मुनि विद्यासागर जी के बारे में कहा जाता हैं कि उन्होंने कक्षा नौवीं तक कन्नड़ भाषा में शिक्षा ग्रहण कर ले थी और 9 वर्ष की उम्र में ही आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प कर लिया था। उन दिनों विद्यासागर जी आचार्यश्री शांतिसागर जी महाराज के प्रवचन सुनते थे। इन्ही प्रवचनों का उनपर गहरा अप्रभाव पड़ा।
जैन मुनि विद्यासागर जी ने धर्म, समाज के उत्थान और कल्याण के लिए भी अनेक उल्लेखनीय कार्य किये। आचार्यश्री द्वारा पशु मांस निर्यात के विरोध में जनजागरण अभियान भी चल रहा हैं। इसके अलावा अमरकंटक में ‘सर्वोदय तीर्थ’ नाम से एक विकलांग नि:शुल्क सहायता भी केंद्र चल रहा है। विद्यासागर जी ने पशुधन बचाने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने, मांस निर्यात बंद करने को लेकर अनेक उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
महाराज जैन मुनि विद्यासागर के निर्वाण का समाचार जैसे ही समाचार के तौर पर बाहर आया। उनके भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। महाराज विद्यासागर की राजनीति हस्तियों के बीच गजब की लोकप्रियता थी। खुद पीएम ने कुछ वक़्त पहले उनके दर्शन किये थे। वही आज उनके निर्वाण के समाचार पर कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव, पूर्व सीएम कमल नाथ और दिग्विजय सिंह जैसे बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने शोक अर्पित किया।
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